नई दिल्ली में 7वीं भारत-जापान चिकित्सा उत्पाद विनियामक संगोष्ठी आयोजित
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और जापान के स्वास्थ्य, विधि एवं कल्याण मंत्रालय के प्रतिनिधि तथा भारत और जापान के 80 औषधि विनियामक और 120 उद्योग प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं
फार्मा, चिकित्सा उपकरण और री-जनरेटिव मेडिसिन पर ज्ञान का आदान-प्रदान
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा आयोजित 7वीं भारत-जापान चिकित्सा उत्पाद विनियामक संगोष्ठी 10 जुलाई 2024 को फिक्की कन्वेंशन हॉल में सफलतापूर्वक आयोजित की गई। यह कार्यक्रम भारत और जापान के बीच सहयोग ज्ञापन (एमओसी) के अनुरूप आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य चिकित्सा उत्पाद विनियमन में सहयोग को बढ़ावा देना था।
इस संगोष्ठी में भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और जापान के स्वास्थ्य, विधि एवं कल्याण मंत्रालय के लगभग 200 प्रतिनिधि शामिल हुए। भारत के सीडीएससीओ और जापान के पीएमडीए के विनियामक प्राधिकरणों के साथ-साथ फार्मास्युटिकल सेक्टर, मेडिकल डिवाइस सेक्टर और बायोलॉजिकल-बायोसिमिलर सेक्टर के उद्योग प्रतिनिधियों ने रचनात्मक चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया।
दिसंबर 2015 में सीडीएससीओ तथा स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय (एमएचएलडब्ल्यू) और जापान की फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइसेज एजेंसी (पीएमडीए) के बीच मूल रूप से हस्ताक्षरित एमओसी, दिसंबर 2025 तक चिकित्सा उत्पादों के नियमन में आपसी सहयोग को रेखांकित करता है। ये नियामक संगोष्ठियां भारत और जापान में बारी-बारी से आयोजित की जाती हैं, जो अंतर्दृष्टि के आदान-प्रदान और नियामक व्यवहारों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती हैं।
संगोष्ठी में भारतीय और जापानी दवा नियामक प्राधिकरणों द्वारा व्यावहारिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिसके बाद फार्मा, मेडिकल डिवाइसेज और रीजनरेटिव मेडिसिन में उभरते विषयों पर गहन चर्चा हुई। ये विचार-विमर्श दोनों देशों में नवीनतम नियामक पहलों पर उद्योग के हितधारकों को अपडेट करने में महत्वपूर्ण थे।
संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री राजीव वधावन, डीसीजीआई, सीडीएससीओ डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी, पीएमडीए के कार्यकारी निदेशक श्री यदा शिंजी, एमएचएलडब्ल्यू के उप निदेशक डॉ. हिरोता मित्सु और जेडीसीआई, सीडीएससीओ डॉ. रंगा चंद्रशेखर सहित प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में भारत और जापान के 80 दवा नियामकों और 120 उद्योग प्रतिनिधियों ने शिरकत की, जिससे विनियामक अपडेट और सर्वोत्तम व्यवहारों पर उपयोगी आदान-प्रदान हुआ।
***