Friday, July 4, 2025

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नौकरी देने वाले बने युवा : राज्य मंत्री श्रीमती गौर

राज्य मंत्री ने स्टार्स प्रोजेक्ट अंतर्गत आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया

राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि नई शिक्षा नीति से पहले केवल पढ़ने पर जोर दिया जाता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को नई शिक्षा नीति दी और नई शिक्षा नीति में पठन-पाठन के सैद्धंतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावसायिक ज्ञान भी दिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में बच्चों के कौशल विकास पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। पढ़ाई के साथ व्यवहारिक और वैज्ञानिक ज्ञान प्राप्त कर नई पीढ़ी अत्म-विश्वास के साथ आगे बढ़ेगी और अत्म-निर्भर बनेगी। यह पीढ़ी नौकरी माँगने वाली नहीं, नौकरी और रोजगार देने वाली बनेगी।

राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि स्कूलों में व्यावसायिक पाठयक्रमों को शुरू किया गया है। इसमें दैनिक दिनचर्या में काम आने वाली आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बच्चों को पढ़ाया और सिखाया जा रहा है। यह बच्चे आत्म-निर्भर बनेंगे और आत्म-निर्भर युवा पीढ़ी आत्म-निर्भर राष्ट्र के निर्माण में योगदान देगी।

राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि स्टॉर्स प्रोजेक्ट के माध्यम से स्कूली शिक्षा के पठन-पाठन और परिणाम के सुदृढ़ीकरण के लिये किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा संचालित जिले के विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा सीखी गई स्किल पर आधारित मॉडल और चार्ट्स प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये हैं। वर्षा, मौसम विज्ञान, कृषि, बिजली, सिटी प्लॉनिंग, मशीनरी, इलेक्ट्रिक उत्पादन, इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन, कम्प्यूटर हार्डवेयर, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर और ऐसे अनेकों दैनिक उपयोग में आने वाले विभिन्न आवश्यकताओं पर आधारित मॉडल को प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया गया है। विद्यार्थियों और उनके शिक्षकों द्वारा तैयार किये गये मॉडल अद्भुत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी का अवलोकन कर मैं संतुष्ट हूँ और इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये मॉडल भविष्य की वैज्ञानिक पीढ़ी की सफलता की गारंटी सुनिश्चित करते हैं। यह मॉडल विद्यालयों में आयोजित प्रतियोगिता के बाद चयनित किये गये हैं। सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों, जिन्होंने मॉडल तैयार किये हैं, उन्हें शुभकामनाएँ देती हूँ।

राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के साथ हमें पारम्परिक कौशल से भी जुड़े रहना है। उन्होंने कहा कि विमुक्त, घुमंतु और अर्द्ध-घुमंतु जातियों के विभाग के मंत्री के रूप में दायित्वों के निर्वहन के दौरान उन्हें इन जातियों से जुड़े विभिन्न कौशल की जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि इन जातियों के परम्परागत कौशल को अधुनिक ज्ञान से जोड़कर संरक्षित करने और विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें पारम्परिक कौशल को आधुनिक ज्ञान के साथ जोड़कर आगे बढ़ना है।

पार्षद श्री नीरज सिंह, प्रोफेसर मल्होत्रा, संयुक्त संचालक श्री अरविंद चोरगढ़े, श्री एन.के. अहिरवार और अन्य अधिकारियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रदर्शनी में जिले के 28 विद्यालयों के 150 विद्यार्थियों ने मॉडल, चार्ट और लघु नाटिका का प्रदर्शन किया।

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