Saturday, May 10, 2025

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केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने महाराष्ट्र के नाशिक में मुख्य इंजन निरीक्षकों के साथ बातचीत की

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज महाराष्ट्र के नाशिक में भारतीय रेलवे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग संस्थान (आईआरआईईईएन) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे मुख्य इंजन निरीक्षकों (सीएलआई) के साथ बातचीत की। केंद्रीय मंत्री महोदय ने अपनी यात्रा के दौरान लोकोमोटिव परिचालन के आधुनिकीकरण और भारतीय रेलवे में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने से संबंधित विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।

श्री वैष्णव ने सीएलआई के साथ उनके प्रशिक्षण अनुभव, विशेष रूप से स्वदेशी स्वचालित रेलगाडी सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली कवच ​​के उपयोग के बारे में बातचीत की। सीएलआई ने इस बारे में अपने विचार साझा करते हुए बताया कि कैसे कवच प्रणाली रेलगाडी संचालन के दौरान गति बनाए रखने और सुरक्षा और समयपालन दोनों में सुधार करने में उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है। चर्चा आधुनिक ब्रेकिंग प्रणाली, रेल इंजन में नई तकनीक और प्रभावी चालक दल प्रबंधन प्रथाओं पर भी केंद्रित थी।

केंद्रीय रेल मंत्री महोदय ने 100 प्रतिशत वातानुकूलित रनिंग रूम और रेल इंजन निरीक्षकों के लिए बेहतर सुविधाओं की शुरूआत सहित चालक दल के लिए कामकाजी परिस्थितियों में सुधार के लिए रेलवे के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने ड्यूटी रोस्टर को विभाजित करके ड्यूटी के घंटों को कम करने और रेल इंजन को एयर कंडीशनिंग, शौचालय और आरामदायक सीटों से लैस करके आराम और सुरक्षा बढ़ाने के चल रहे प्रयासों को भी स्वीकार किया।

श्री वैष्णव ने सीएलआई के साथ अपनी बातचीत के दौरान, सुरक्षा प्रोटोकॉल के कडाई से पालन के महत्व को रेखांकित किया और प्रशिक्षण मॉड्यूल पर दोहराया जिसमें सिमुलेटर, फील्ड स्टाफ के सुझाव आदि शामिल हैं। श्री एस के राठी, सीएलआई/भोपाल डिवीजन ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “इंटरलॉकिंग से स्टेशन को मदद मिलती है।” सुरक्षित संचालन के लिए मास्टर, ट्रैकमैन और कवच के लिए पीएससी स्लीपर ट्रैक एक क्रांतिकारी कदम है क्योंकि यह इंजन चालकों को रेलगाडी के सुरक्षित संचालन में सहायता करता है। इसे जारी रखते हुए सीएलआई में से एक निरीक्षक ने कहा कि कवच ने न केवल सुरक्षित रेलगाडी परिचालन में सहायता की है बल्कि उनके परिवार को खुश रखने में भी मदद की है क्योंकि कवच के कारण एलपी ड्यूटी सुरक्षित हो गई है। सीएलआई में से एक निरीक्षक ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कवच एसपीएडी (सिग्नल पासिंग एट डेंजर) घटनाओं को रोकने में सहायता कर रहा है और समपार फाटकों पर सुरक्षा सुनिश्चित करता है। केंद्रीय मंत्री महोदय ने सीएलआई से पेश की जा रही आधुनिक प्रौद्योगिकियों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया और भारतीय रेलवे के उच्च मानकों को बनाए रखने में निरंतर सीखने, समर्पण और प्रतिबद्धता के महत्व पर बल दिया।

केंद्रीय मंत्री महोदय ने नाशिक की अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में, शिरडी साईं बाबा मंदिर में भी पूजा की और भारतीय रेलवे तथा इसके समर्पित कार्यबल की निरंतर प्रगति और सुरक्षा के लिए आशीर्वाद मांगा।

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