प्रविष्टि तिथि: 24 APR 2024 ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ रही है और कोयला भारत की ऊर्जा सुरक्षा और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा देश में वाणिज्यिक ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत बना हुआ है। यह विश्वसनीय और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करता है, जो औद्योगिक विकास को बनाए रखने, शहरीकरण को शक्ति देने के लिए महत्वपूर्ण है।
कोयला मंत्रालय का अधीनस्थ कार्यालय, कोयला नियंत्रक संगठन (सीसीओ) कोयले के नमूने के लिए प्रक्रिया और मानक निर्धारित करता है; कोयले की श्रेणी, ग्रेड की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए कोयला खदानों का निरीक्षण करता है तथा कोलियरी नियंत्रण नियम, 2004 (2021 में संशोधित) के तहत एक कोलियरी में खनन किए गए कोयले की परत के कोयले के ग्रेड की घोषणा व रख-रखाव के उद्देश्य से निर्देश जारी करता है। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र, राज्य सरकार तथा निजी क्षेत्र की कोयला और लिग्नाइट खदानों की परतों के गुणवत्ता-डेटा की उपलब्धता निर्णय लेने की प्रक्रियाओं के लिए सर्वोपरि है।
कोयला नियंत्रक संगठन (सीसीओ), जिसके क्षेत्रीय कार्यालय धनबाद, रांची, बिलासपुर, नागपुर, संबलपुर और कोठागुडेम में हैं, ने वर्ष 2024-25 के लिए राज्य की केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, राज्य सरकार तथा निजी क्षेत्र की कोयला और लिग्नाइट खदानों से कोयले के नमूने लेने और उसका विश्लेषण करने का कार्य किया।
वार्षिक नमूनाकरण कार्य, सीपीएसयू (331), राज्य सरकार (69) और निजी क्षेत्र (27) की कुल 427 खदानों में किया गया। ग्रेड की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए, प्राप्त नमूनों का दो अलग-अलग प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किया गया।
निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार खदानों की परतों की वार्षिक ग्रेडिंग की घोषणा की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। सार्वजनिक क्षेत्र, राज्य सरकार तथा निजी क्षेत्र की सभी कोयला और लिग्नाइट खदानों की परतों का घोषित ग्रेड 01.04.2024 से प्रभावी होगा।