हम भारत के अन्वेषण क्षेत्र को 2030 तक एक मिलियन वर्ग किमी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं: पेट्रोलियम मंत्री
मंत्री पुरी ने ऊर्जा वार्ता 2024 का उद्घाटन किया: देश के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान देने के लिए हितधारकों को मंच का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज कहा कि अन्वेषण और उत्पादन (ई एंड पी) क्षेत्र 2030 तक 100 बिलियन अमरीकी डॉलर निवेश का अवसर प्रदान करता है। पेट्रोलियम मंत्री नयी दिल्ली में ऊर्जा वार्ता के पहले संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। विशिष्ट सभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और आर्थिक विकास को बनाए रखने में अन्वेषण और उत्पादन (ई एंड पी) क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश के 26 तलछटी बेसिनों की विशाल क्षमता पर भी प्रकाश डाला, जिसमें कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के पर्याप्त भंडार हैं, जिनका पूरी तरह से उपयोग किया जाना बाकी है।
मंत्री ने कहा कि हमारी ठोस प्रगति के बावजूद हमारे तलछटी बेसिन क्षेत्र का केवल 10 प्रतिशत भाग ही अन्वेषण के अधीन है। आगामी ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) राउंड के अंतर्गत ब्लॉक देने के बाद, यह 2024 के अंत तक बढ़कर 16 प्रतिशत हो जाएगा।
परिचालन और नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, श्री पुरी ने बल देकर कहा कि “सरकार ई एंड पी में निवेश में तेजी लाने में अपनी भूमिका निभा रही है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) ने व्यापक सुधार किया है, हितधारकों को हमारे देश की प्रगति में योगदान देने के लिए सशक्त बनाया है।” उन्होंने कहा कि हम 2030 तक भारत के अन्वेषण क्षेत्र को एक मिलियन वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं।
श्री पुरी आगे कहा कि भारत के ईईजेड में “नो-गो” क्षेत्रों में लगभग 99 प्रतिशत की कमी हुई है।
मंत्री ने ओएएलपी और डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड (डीएसएफ) नीति जैसी पहलों के माध्यम से अन्वेषण गतिविधियों के तीव्र गति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि “पहले 8 ओएएलपी बोली दौरों के माध्यम से, लगभग 2,44,007 वर्ग किलोमीटर को कवर करने वाले कुल 144 ब्लॉक प्रदान किए गए हैं और हाल ही में घोषित 9वें ओएएलपी दौर में लगभग 136,596 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल है, जो 8 तलछटी घाटियों में फैला हुआ है, जिसमें अपतटीय अन्वेषण में राष्ट्र के पदचिह्न का विस्तार करने का दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा, 2015 में अपनी शुरुआत के बाद से डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड (डीएसएफ) नीति से लगभग 2 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश प्राप्त हुआ है और इस क्षेत्र में 29 नए खिलाड़ी शामिल हुए हैं।
श्री पुरी ने वैज्ञानिक डेटा-संचालित अन्वेषण को बढ़ावा देने पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईईजेड सहित नए भूकंपीय डेटा के अधिग्रहण, स्ट्रैटिग्राफिक कुओं का वित्तपोषण और दुर्गम इलाकों में हवाई सर्वेक्षण डेटा प्राप्त करने के लिए 7,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “अब हमारे पास पश्चिमी तट पर केरल-कोंकण बेसिन और मुंबई ऑफशोर बेसिन और पूर्वी तट पर महानदी और अंडमान बेसिन के लिए भू-वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध हैं।” उन्होंने डीजीएच द्वारा राष्ट्रीय डेटा भंडार को क्लाउड-आधारित एनडीआर में अपग्रेड करने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे भूकंपीय, कुएं और उत्पादन आंकड़ों का तत्काल प्रसार संभव हो सकेगा।
ई एंड पी क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुनिश्चित करने के लिए सरकार की कोशिशों के बारे में बात करते हुए, श्री पुरी ने कहा, “हमने 37 अनुमोदन प्रक्रियाओं को 18 में समेकित करके इसे और सरल बनाया है, जिसमें 9 प्रक्रियाओं में अब स्व-प्रमाणन उपलब्ध हैं। हालांकि, हम इन सुधारों को ज्यादा आगे बढ़ाने की आवश्यकता को समझते हैं। हमें अतिरिक्त प्रक्रियाओं में स्व-प्रमाणन के विस्तार की व्यवहार्यता का पता लगाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “क्षेत्र विकास योजनाओं, वार्षिक योजनाओं और अन्य नियामक अनुमतियों की स्वीकृति में देरी को कम करना बहुत महत्वपूर्ण है, विशेषकर तब जब हमारे देश की आयात निर्भरता में वृद्धि जारी है।”
मंत्री ने उद्योग जगत की चिंताओं को दूर करने और क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार लाने के लिए निजी ई एंड पी ऑपरेटरों, राष्ट्रीय तेल कंपनियों, एमओपीएनजी और डीजीएच के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) के गठन की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने डीजीएच से इस वर्ष के अंत तक अपने विभिन्न ऑनलाइन पोर्टलों के एकीकरण प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया।
अंत में, मंत्री पुरी ने आशा व्यक्त किया कि ऊर्जा वार्ता 2024 ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग और नवाचार के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। उन्होंने उद्योग, शिक्षा और सरकार के हितधारकों को देश के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों में योगदान देने के लिए इस मंच का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
अपने संबोधन के बाद, मंत्री पुरी ने एक प्रदर्शनी गैलरी और नवाचार केंद्र का उद्घाटन किया, जिसमें तेल और गैस क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान और नवाचारों का प्रदर्शन किया गया है, जो तकनीकी प्रगति और चिरस्थायी ऊर्जा प्रथाओं के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
ऊर्जा वार्ता 2024
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में ऊर्जा वार्ता 2024 के पहले संस्करण का उद्घाटन किया।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) द्वारा 11 और 12 जुलाई को किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारत के अप्रयुक्त अपस्ट्रीम हाइड्रोकार्बन संसाधनों को स्थायी रूप से खोलना है। यह देश के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र के भविष्य पर संवाद और विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है तथा निवेश, नवाचार, साझेदारी और सतत विकास को बढ़ावा देता है।
यह आयोजन दोनों पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्रों के दिग्गजों, उद्योग विशेषज्ञों, सेवा प्रदाताओं, सलाहकारों और शिक्षाविदों को एक मंच पर एक साथ लाता है। भारत के अपस्ट्रीम तेल और गैस उद्योग और ऊर्जा परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 400 से अधिक प्रतिनिधियों, 50 से अधिक प्रदर्शकों और 100 से अधिक वक्ताओं के साथ, दो दिवसीय कार्यक्रम में सीएक्सओ और उद्योग जगत के नेताओं के साथ पैनल चर्चा और बी2बी बैठकों में हिस्सा लेने वाले रणनीतिक शिखर सम्मेलन शामिल हैं। इसके साथ ही, शोधकर्ता और पेशेवर इसके तकनीकी सम्मेलन के दौरान तेल और गैस क्षेत्र में डिजिटलीकरण के लिए उन्नत तेल प्राप्ति तकनीकों से लेकर विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर अपना निष्कर्ष प्रस्तुत करेंगे। नेटवर्किंग के अवसरों से परे, ऊर्जा वार्ता का प्रमुख संस्करण एक इनोवेशन सेंटर और प्रदर्शनी गैलरी के माध्यम से अपस्ट्रीम क्षेत्र में स्टार्टअप, सेवा प्रदाता और ई एंड पी कंपनियों द्वारा नवाचारों को प्रदर्शित कर रहा है।
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