Thursday, July 3, 2025
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    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कारगिल विजय दिवस और रजत जयंती वर्ष पर भोपाल के शौर्य स्मारक

    हथियारों के आगे भी होता है हौसला जो दिलवाता है जीत
    कारगिल की विजय, भारतीय सेना के शौर्य की पहचान
    मुख्यमंत्री ने कारगिल विजय के रजत जयंती वर्ष पर शहीद स्तंभ भारत माता की प्रतिमा को नमन किया
    शौर्य स्मारक में भारतीय सेना के टी-55 टैंक का लोकार्पण भी किया

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कारगिल विजय दिवस और रजत जयंती वर्ष पर भोपाल के शौर्य स्मारक में भारत माता की प्रतिमा पर नमन किया। डॉ. यादव ने शौर्य स्तंभ पहुंचकर शहीदों को नमन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शौर्य स्मारक परिसर में स्थापित सेना के टी-55 टैंक का लोकार्पण भी किया। शौर्य स्मारक में अब आमजन भी इस टैंक को देख सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्रोणाचार्य सभागार में कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और कार्यक्रम को संबोधित किया। राजधानी भोपाल में कारगिल विजय दिवस पर हुए मुख्य कार्यक्रम में आज शौर्य स्मारक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पहुंचने पर एनसीसी कैडेट्स ने गार्ड्स ऑफ ऑनर दिया। जनरल ऑफिसर कमांडिंग सुदर्शन चक्र कोर, श्री प्रीतपाल सिंह, एनसीसी के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल अजय कुमार के साथ ही 21 कोर भोपाल के अनेक अधिकारी भी शामिल हुए।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेना एवं एनसीसी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कारगिल विजय से हमारी सेना ने एक नया इतिहास रचा। यह विजय भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की पहचान है। युद्धों में कई बार हथियारों के आगे सेना का हौसला महत्वपूर्ण होता है, जो जीत की ओर ले जाता है। पराक्रम भारत की पहचान रही है। दुश्मन हमारे देश में विभिन्न कारणों और तरीकों से नष्ट- भ्रष्ट करने के उद्देश्य से आते हैं, लेकिन हमारे शौर्य के आगे वे टिक नहीं पाते। मिस्र और रोम जैसी पुरानी सभ्यताएं खत्म हो गईं। लेकिन भारत की हस्ती मिटती नहीं है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात भारत और पाकिस्तान दो राष्ट्र बने। आज दोनों राष्ट्रों की तुलना करें, तो हम देखते हैं कि भारत की अच्छाईयां अलग स्थान दिलाती हैं। दोनों देशों के बीच 1965 और 1971 के बाद 1999 में युद्ध हुए। जब अटल जी प्रधानमंत्री थे, पड़ोसी ने आंखों में धूल झोंकी। भारत पड़ोसी धर्म का निर्वहन कर रहा था। हमने सदैव ही अपनी सीमाओं और मर्यादा को समझा है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अतीत को देखते हुए समझा है कि पड़ोसी कैसे हैं और उनसे किस तरह व्यवहार करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की पराजय हुई। आज भारत शत्रु के दुस्साहस का उत्तर उसके घर में घुसकर दे सकता है। भारतीय सेना दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में से एक है, जो दुश्मन से निपटना जानती है। कारिगल शहीद सैनिकों को राष्ट्र कभी नहीं भुलाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को कारगिल विजय दिवस की बधाई देते हुए युद्ध के शहीदों को नमन किया।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में राष्ट्रभक्ति गीत प्रस्तुत करने वाले एनसीसी कैडेट्स (जिनमें छात्र और छात्राएं दोनों शामिल थे) को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने शौर्य स्मारक परिसर में भारतीय थल सेना के सौजन्य से वॉर ट्रॉफी के रूप में प्राप्त टी-55 टैंक को स्थापित करने को महत्वपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शौर्य स्मारक की स्थायी चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

    कार्यक्रम में संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी सहित अनेक सैन्य और वरिष्ठ एनसीसी अधिकारी भी उपस्थित थे। प्रारंभ में जनरल ऑफिसर कमांडिंग सुदर्शन चक्र कोर श्री प्रीतपाल सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया। मेजर जनरल श्री अजय कुमार महाजन ने एनसीसी कैडेट्स को हमेशा अनुशासन और राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित होने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया गया।

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