Friday, April 25, 2025

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संस्कृति मंत्रालय द्वारा आगामी युग युगीन भारत संग्रहालय के संबंध में 1 से 3 अगस्त तक तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा

इस पहल का उद्देश्य संग्रहालय प्रबंधन के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मजबूत सहयोग को बढ़ावा देना है

सम्मेलन में प्रसिद्ध भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय पेशेवरों द्वारा हितधारक परामर्श और क्षमता निर्माण कार्यशालाएं शामिल हैं

प्रविष्टि तिथि: 28 JUL 2024

संस्कृति मंत्रालय 1 से 3 अगस्त, 2024 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में एक तीन दिवसीय राज्य संग्रहालय सम्मेलन आयोजित करेगा। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’ के विजन को साकार करने में राज्य संग्रहालयों और केंद्र सरकार के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है, जिसका लक्ष्य वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का उदाहरण प्रस्तुत करना है। ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’ के लिए भारत की कलाकृतियों की व्यापक समझ को बढ़ावा देने के लिए, राज्यों को आगामी राज्य सम्मेलन में अपने-अपने राज्य की कलाकृतियों के संग्रह के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

यह सम्मेलन देश भर के रेजिडेंट कमिश्नर, संग्रहालयों के निदेशक, अधीक्षक, क्यूरेटर और शोधकर्ताओं सहित हितधारकों के एक विविध समूह को एक मंच पर एक साथ लाएगा। जीएलएएम प्रभाग के संयुक्त सचिव और संस्कृति मंत्रालय के सचिव सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें उपस्थित होंगे। संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे।

यह राज्य संग्रहालय सम्मेलन संस्कृति मंत्रालय के जीएलएएम प्रभाग द्वारा शुरू की गई क्षमता निर्माण पहलों की श्रृंखला में तीसरा चरण है। 14 जून, 2004 को आयोजित अंतर-मंत्रालयी परामर्श और फ्रांसीसी संग्रहालयों (25-29 जून, 2004) के साथ भागीदारी में संग्रहालय पेशेवरों (निदेशकों, क्यूरेटर, शिक्षा अधिकारियों और संरक्षकों) के साथ बाद में आयोजित सहयोगात्मक कार्यशाला की सफलता के बाद, इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत में संग्रहालय ईको-सिस्टम को और मजबूत करना है। फ्रांस संग्रहालय कार्यशालाएँ संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में एक सत्र में संपन्न हुईं।

प्रसिद्ध भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय पेशेवरों की अगुवाई में क्षमता निर्माण कार्यशालाओं की एक श्रृंखला के जरिए, मंत्रालय का लक्ष्य संग्रह प्रबंधन, पुरालेखण और संग्रहालय प्रशासन में आवश्यक कौशल के साथ राज्य-स्तरीय कर्मियों को सुसज्जित करना है। भारत और विदेश के विशेषज्ञों के साथ मास्टरक्लासेज भी आयोजित की जाएंगी, जिसमें नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की वास्तुकला और भौतिकता, संरक्षण में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाएं, ललित कला प्रबंधन, संग्रह प्रबंधन, क्यूरेशन और संग्रहालय प्रबंधन जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी।

सैद्धांतिक ज्ञान के अलावा, यह तीन दिवसीय फोरम ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’ (वाईवाईबीएम) परियोजना के लिए संभावित सहयोगियों के साथ नेटवर्क बनाने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, संस्कृति मंत्रालय हाल ही में अद्यतन संग्रहालय अनुदान योजना और विज्ञान संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं सहित राज्य-स्तरीय संग्रहालय विकास पहलों का समर्थन करने के लिए उपलब्ध वित्त पोषण योजनाओं का अवलोकन प्रस्तुत करेगा।

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