Friday, October 4, 2024

Latest Posts

सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रश्‍नों का सन्‍तोषजनक उत्‍तर नहीं दे सके  ।

प्रविष्टि तिथि: 12 FEB 2024 

दिनांक 06.09.2023 को पश्चिम बंगाल राज्‍य सरकार ने 87 जातियों को केन्‍द्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने हेतु शपथपत्र दिया था ।  87 जातियों में से लगभग 73 जातियां मुस्लिम हैं ।  पश्चिम बंगाल की राज्‍य सूची में शामिल कुल 179 पिछड़े वर्ग की जातियों में से 118 जातियां मुस्लिम हैं ।  वर्ष 2011 से पहले पिछड़े वर्ग की राज्‍य सूची मे शामिल कुल पिछड़ी जातियों की संख्या 108 थीं जिसमें से 53 जातियां मुस्लिम थीं। वर्ष 2011 के बाद 71 पिछड़ी जातियों को पिछडे वर्ग की राज्‍य सूची शामिल किया गया जिसमें से 65  मुस्लिम  हैं ।  पश्चिम बंगाल के ओबीसी की राज्‍य सूची में शामिल उन जा‍तियों की सूची अभी उपलब्‍ध नहीं  है जोकि पहले हिन्दू थी एवं बाद में मुस्लिम बनी हैं । ज‍बकि पश्चिम बंगाल राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की कई सलाहों में धर्मान्‍तरण का उल्लेख है ।

सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि से पूछा कि‍ पश्चिम बंगाल में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की दो भागों (श्रेणी-ए और श्रेणी-ब) में विभाजन का मांपदण्‍ड क्‍या है । इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि न तो संतोषजनक उत्‍तर  नही दे सके । पश्चिम बंगाल राज्‍य सरकार ने 87 जातियों को केन्‍द्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने हेतु उनके सामाजिक, शै‍क्षणिक और आर्थिक संबंधी ताजा आंकडे मांगे गये थे जिसकी जानकारी देने में पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि असमर्थ रहे ।

सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि से पूछा कि‍ विगत वर्ष और चालू वर्ष (30.11.2023 तक) के दौरान राज्य सरकार के अधीन विभिन्न मन्त्रालयों, विभागों, शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सा संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, वित्तीय संस्थाओं, जिलापरिषद्, नगर निगमों, विकास प्राधिकरणों इत्यादि में उपरोक्त 87 जातियों से संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों (प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी और सफाई कर्मचारियों) का जातिवार ब्यौरा क्या है ?      इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि ने कहा कि आंकडे उपलब्‍ध नहीं है ।

मण्‍डल मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को ध्‍यान में रखते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अनुशंसा किया था कि ओबीसी के आरक्षण को 17 प्रतिशत बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने में कोई कानूनी बाधा नहीं है, अतएव ओबीसी के आरक्षण को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत किया जाय । इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधि ने कहा कि राज्‍य सरकार को आयोग की अनुशंसा से अवगत करा दिया गया है  किन्‍तु राज्‍य सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है ।

पश्चिम बंगाल राज्‍य सरकार ने 87 जातियों को केन्‍द्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने हेतु उनके सामाजिक, शै‍क्षणिक और आर्थिक संबंधी ताजा आंकडे मांगे गये थे जिसकी जानकारी आयोग को आज तक नहीं दी गयी, जिसे आयोग ने गंभीरता से लिया है । इस संबंध में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने सुनवाई करने का निर्णय लिया है और पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्‍य सचिव को दिनांक 20.02.2024 को 2.00 बजे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए सम्‍मन जारी किया है ।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.