Tuesday, May 13, 2025

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यह दो दिवसीय सम्मेलन भारत में केंद्रित सौर ऊर्जा की आपूर्ति श्रृंखला, आर्थिक व्यवहार्यता और भंडारण अनुप्रयोगों पर केंद्रित रहा

सौर तापीय प्रौद्योगिकियों पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के नवीकरणीय ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र में केंद्रित सौर ऊर्जा एकीकरण की क्षमता पर विचार-विमर्श किया गया

प्रविष्टि तिथि: 13 FEB 2024

भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) और नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनएसईएफआई) ने संयुक्त रूप से 12 और 13 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में सौर तापीय प्रौद्योगिकियों पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ सौर तापीय एवं केंद्रित सौर ऊर्जा (सीएसपी) भंडारण के एकीकरण पर विचार-विमर्श करना है। सम्मेलन का उद्देश्य सौर तापीय प्रौद्योगिकियों में वैश्विक परिदृश्य, नवीकरणीय ऊर्जा विद्युत उत्पादन स्रोतों, भंडारण अनुप्रयोगों और भारत के संदर्भ में ऐसे अनुप्रयोगों की क्षमता और एकीकरण के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करना है। [केंद्रित सौर ऊर्जा (सीएसपी) का उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है (कभी-कभी इसे सौर थर्मोइलेक्ट्रिसिटी कहा जाता है, जो आमतौर पर भाप से उत्पन्न होता है)। केंद्रित-सौर प्रौद्योगिकी प्रणाली सूर्य के प्रकाश के एक बड़े क्षेत्र को एक छोटे से क्षेत्र पर केंद्रित करने के लिए ट्रैकिंग सिस्टम के साथ दर्पण या लेंस का उपयोग करती है। इसके बाद केंद्रित प्रकाश का उपयोग ताप के रूप में या पारंपरिक बिजली संयंत्र (सौर थर्मोइलेक्ट्रिसिटी) के लिए ताप स्रोत के रूप में किया जाता है।]

सम्मेलन का उद्घाटन 12 फरवरी, 2024 को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा सचिव,  श्री भूपिंदर सिंह भल्ला; एसईसीआई के प्रबंध निदेशक, श्री आरपी गुप्ता; और एनएसईएफआई के महानिदेशक, श्री दीपक गुप्ता द्वारा किया गया। उद्घाटन के अवसर पर, सचिव श्री भूपिंदर सिंह भल्ला ने सोलर पीवी विकास में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति और इसके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों पर प्रकाश डाला और उन्होंने विश्वसनीय और उत्सर्जन-मुक्त उत्पादन प्राप्त करने के लिए सौर तापीय और केंद्रित सौर ऊर्जा जैसी नई प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि यह सम्मेलन भारत में सीएसपी का मार्ग प्रशस्त करेगा।

एसईसीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री आर पी गुप्ता ने सौर तापीय प्रौद्योगिकी और भंडारण के साथ केंद्रित सौर ऊर्जा के वैश्वक उत्थान पर बल दिया, जो भारत के महत्वाकांक्षी ऊर्जा लक्ष्यों के लिए सकारात्मक है। एनएसईएफआई के महानिदेशक श्री दीपक गुप्ता ने देश में सोलर पीवी क्रांति पर चर्चा करते हुए देश के ऊर्जा पारगमन में तेजी लाने के लिए सीएसपी की खोज करने की वकालत की और आशा व्यक्त किया यह सौर तापीय क्रांति की शुरुआत कर सकता है।

सम्मेलन के पहले दिन 12 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया और इन क्षेत्रों में देश की संभावनाओं को रेखांकित किया। बेल्जियम, इज़राइल, स्पेन और जर्मनी के उद्योग प्रतिनिधियों और वक्ताओं ने अपने अनुभवों को साझा किया और अपने देशों में ऐसी परियोजनाओं के लिए वैश्विक अध्ययन और वित्तीय व्यवहार्यता की जानकारी प्रदान की।

वक्ताओं ने बल देकर कहा कि सौर तापीय धीरे-धीरे एक आशाजनक समाधान के रूप में उभरकर सामने आ रहा है, जो लंबी अवधि के ऊर्जा भंडारण के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। बैठक में यह भी कहा गया कि सौर तापीय देश की दृढ़ और प्रेषण योग्य नवीकरणीय ऊर्जा (एफडीआरई) आवश्यकताओं का समर्थन करने की क्षमता प्रस्तुत करता है, जिसमें उपभोक्ताओं के लिए चौबीसों घंटे विद्युत की आपूर्ति करना शामिल है।

एक विशेष सत्र में, एसईसीआई के वक्ताओं ने अपने संबोधन अन्य आरई प्रौद्योगिकियों के साथ सीएसपी के सम्मिश्रण द्वारा एफडीआरई की आपूर्ति के लिए प्रस्तावित निविदा की व्यापक विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान की।

सम्मेलन के दूसरे दिन 13 फरवरी को पूरी दुनिया के उद्योग प्रतिनिधियों के साथ-साथ शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों और वित्तीय संस्थानों के वक्ताओं को शामिल किया गया।

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