Wednesday, September 10, 2025

Latest Posts

टकाटक-टकाटक, ठकाठक-ठकाठक खटाखट-खटाखट बनाम अधिकार आवाज़ और आरक्षण छिनने की राह पर 

चुनाव आयोग में दो पार्टियों के शीर्ष नेताओं पर आचार संहिता उल्लंघन मामले दर्ज-पीएम को 6 साल चुनाव लड़ने से अयोग्य मांग वाली याचिका हाईकोर्ट में खारिज़ 
लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण 7 मई 2024 में शीर्ष नेताओं के शाब्दिक वार पलटवार चरम सीमां पर-4 जून 2024 का इंतजार-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया 
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोकतंत्र का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण महापर्व शुरू है,जिसके दो चरण पूर्ण हो चुके हैं वह तीसरे चरण का चुनाव 7 में 2024 को होना है जिसमें 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 94 लोकसभा क्षेत्र में चुनाव होगा जिसपर पूरे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनियां की नज़रें लगी हुई है।सबसे बड़ी दिलचस्प बात दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं के बीच चुनावी रण में शाब्दिक बाणों के आरोप प्रत्यारोप सुनने को मिल रहे हैं,जो इसके पूर्व के चरणों में भी सुनने को मिले थे।दोनों नेताओं के शाब्दिक बाणों के आरोप प्रत्यारोप जब मैं टीवी चैनलों पर लाइव चुनावी सभा में देखता हूं तो मुझे बहुत आश्चर्य भी होता है,कुछ ऐसी बातें भी होती है जो पक्ष विपक्ष को चुभती भी है, फिर चुनाव आयोग के पास शिकायतों का दौर शुरू हो जाता है, जिसमें माननीय पीएम के खिलाफ पहली शिकायत दर्ज की गई तो वहीं हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर पीएम को 6 वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से रोक लगाने की अपील भी की गई जिसे माननीय हाईकोर्ट ने दिनांक 29 अप्रैल 2024 को खारिज कर दिया। बता दे के इसके पूर्व 1987 के चुनाव के एक मामले पर शिवसेना सुप्रीमो और यशवंत प्रभु को मुंबई हाईकोर्ट में 1991 से चुनाव लड़ने पर रोक लगाई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी कंफर्म किया था परंतु चूंकि शिवसेना सुप्रीमो किसी सार्वजनिक पद पर नहीं थे इसलिए मामला चुनाव आयोग को सौपा गया था, फिर उन्होंने भी कंफर्म किया और 11 दिसंबर 1995 से 10 दिसंबर 2001 तक शिवसेना सुप्रीमोंटकाटक-टकाटक, ठकाठक-ठकाठक खटाखट-खटाखट बनाम अधिकार आवाज़ और आरक्षण छिनने की राह पर  पर चुनाव लड़ने से रोक लगी थी विपक्षी पार्टी के युवा नेता पर भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज है, दोनों नेताओं का फैसला चुनाव आयोग करेगा। परंतु आज दिनांक 30 अप्रैल 2024 को भी दोनों शीर्ष नेताओं का तीक्ष्ण शाब्दिक  बाणों का युद्ध शुरू था पीएम ने महाराष्ट्र में युवा नेता पर कटाक्ष करते हुए उनकी बातों को टकाटक-टकाटक ठकाठक-ठकाठक, खटाखट खटाखट के मायने में परिभाषित किया तो युवा नेता ने भी पीएम की पार्टी पर अधिकार आवाज़ व आरक्षण छीनने के रोडमैप बनानें का आरोप लगाया तो, विश्व की नजरे इन बयानों पर टिक गई। मीडिया के प्रिंट सोशल व इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म में भी खूब डिबेट शुरू हो गए थे,तो मैंनें भी मुद्दा लपकने में देर नहीं लगाई और दोनों शीर्ष नेताओं के चुनावी शाब्दिक दंगल पर आर्टिकल लिखने का मन बनाकर रिसर्च शुरू कर दिया और मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम चर्चा करेंगे,लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण 7 मई 2024 में शीर्ष नेताओं के शाब्दिक बार पलटवार चरम सीमा पर पहुंच गए हैं,4 जून 2024 का इंतजार सबको है।
साथियों बात अगर हम आज दिनांक 30 अप्रैल 2024 को माननीय पीएम की महाराष्ट्र में जनसभा की करें तो पुणे के रेस कोर्स में बड़ी जनसभा को संबोधित करते ही पीएम ने कहा शहजादे की बातें खतरनाक है,शहजादे से पूछो कि गरीबी कैसे हटती है- तो वो कहते हैं खटाखट खटाखट। शहजादे से पूछो कि ग्रोथ कैसे होती है- तो वो कहते हैं ठकाठक ठकाठक।शहजादे से पूछो कि विकसित भारत बनाने का कोई प्लान है तो वो बोलते हैं टकाटक टकाटक। इस पार्टी ने देश में 60 साल तक राज किया लेकिन राजकी सच्चाई यह थी कि देश की आधी आबादी के पास बुनियादी सुविधाएं नहीं थी। अभी तो हमें सिर्फ 10 साल मौका मिला है लेकिन इसमें हमने मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा तो किया ही, साथ ही सबकी आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटे रहे।डॉ. मनमोहन सिंह की रिमोट वाली सरकार ने 10 सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना खर्च किया उतना हम 1 साल में करते है।उन्होंने कहा कि इस पार्टी की हालत ऐसी हो गई है कि जब उनका झूठ नहीं चलता है को फेक वीडियो बनाने लगते हैं। फेक वीडियो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, इनकी हालत यह है कि झूठ नहीं चलता है तो एआई का यूज करके उनकी मोहब्बत की दुकान में फेक वीडियो बनाए जा रहे हैं। पार्टी इतनी कंगालियत पर पहुंच गई है, उसको पराजय को भय सता रहा है, पार्टी वाले लिख लो और लाख कोशिश कर लो, इनके पूरे गठबंधन मे एक भी पार्टी नहीं है कि 272 से ज्यादा सीटों पर लड़ रही हो और देश पर कब्जा जमान के सपने देख रहे हैं। फेक वीडियो वालों की दुकाने बंद होनी चाहिए। बता दें पीएम नें  लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के कैंडिडेट्स को लेटर लिखा है। इसमें उनसे कहा है कि वे एससी/एसटी और ओबीसी से आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देने के एजेंडे सहित कांग्रेस और आई.एन.डी.आई गठबंधन की राजनीति के खिलाफ प्रचार करें। उन्होने लिखा- मैं आपसे उस पार्टी और आई.एन.डी.आई. गठबंधन के भेदभाव वाले इरादों के खिलाफ मतदाताओं को जागरूक करने का आग्रह करता हूं। वे लोगों की मेहनत की कमाई छीनकर अपने वोट बैंक को देने पर तुले हैं। उस पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि वह विरासत कर जैसे खतरनाक विचारों का समर्थन करेगी। इन्हें रोकने के लिए देश को एकजुट होना होगा।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और नेता ने लेटर को एक्स पर शेयर किया। उन्होंने लेटर के लिए पीएम का आभार जताया और कहा पिछले 10 सालों में आपके किए गए कामों से गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आया है।हम सभीआपके लिए कड़ी मेहनत करेंग। पीएम एक सभा में अपने संबोधन में कहा कि बीते 10 साल में आपने जब से मुझे काम दिया है, मैंने अपने शरीर का कण-कण और समय का पल-पल आपकी सेवा में लगाया है।लगातार इस भीषण गर्मी में भी एक दिन में कई चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। वहीं युवा नेता की बात करें तो वह एक दिन में एक या दो रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। वह भी हर दिन ऐसा नहीं कर रहे हैं। पीएम रैलियों के संबोधन के बाद रोड शो भी करते हैं। इसके साथ ही सरकार के कई कार्यक्रमों में पीएम शिरकत भी करते रहते हैं। दूसरी एक और चीज गौर करने वाली है कि पीएम की रैली और रोड शो उन क्षेत्रों में होती है, जहां अगले चरण में चुनाव होना होता है। वहीं युवा नेता की रैली को लेकर ऐसा कुछ ट्रेंड देखने को नहीं मिला है।
साथियों बात अगर हम विपक्षी युवा नेता द्वारा गुजरात में जनसभा में संबोधन की करें तो एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सत्ताधारी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि आज सवाल यह है कि भारत का संविधान बचेगा या नहीं। यह भी कहा कि यह पार्टी अगर एक बार फिर सत्ता में आती है तो वो संविधान को बदलने का काम करेगी। गौरतलब है कि इससे पहले भी उन्होने उस पार्टी पर हमला करते हुए कहा था कि इनका इरादा संविधान बदलने का है।आगे कहा कियह पार्टी संविधान में फेरबदल करने के साथ-साथ आरक्षण भी खत्म करने की फिराक में हैं। उन्होने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिंदुस्तान में एक फीसदी लोगों 40 फीसदी धन को कंट्रोल करते हैं। यह देश की सच्चाई है। ऐसे में पीएम  और पार्टी के लोग कहते हैं कि आरक्षण खत्म कर देंगे। आगे कहा कि आरक्षण का मतलब है- देश में पिछड़ों, गरीबों, दलितों, आदिवासियों की भागीदारी। उन्होंने कहा कि निजीकरण और अग्निवीर जैसे काम आरक्षण को खत्म करने के तरीके हैं। आगे  कहा कि 90 आईएएस अधिकारी दिल्ली में सरकार चला रहे हैं। उन्होने आरोप लगाया कि वे बजट का एक-एक रुपया बांटते हैं। 90 में से केवल तीन ही पिछड़े वर्ग से हैं।उन्हें पीछे बैठाया गया है। उन्हें एक छोटा सा विभाग दिया गया है, वित्त मंत्रालय में कोई नहीं है। आगे पार्टी और पीएम पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होने वहां मौजूद लोगों से कहा कि अगर हम इस बार सत्ता में आते हैं तो हम सरकार की ओर से लायी गई अग्निवीर योजना को रद्द कर देंगे।उन्होंने कहा कि बीते 45 साल में महंगाई अपने सबसे उच्चतम स्तर पर है। लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होने कहा कि भारत में गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई समेत चार अहम मुद्दे हैं। उन्होंने दावा किया कि केवल उनकी पार्टी ही बेरोजगारी समाप्त कर सकती है, महंगाई को काबू में कर सकती है और लोगों को उनकी उचित हिस्सेदारी दिला सकती है। आगे कहा कि पीएम ने केवल गरीब जनता का पैसा लूटा है। उन्होंने कुछ लोगों को ही अरबपति बनाया है। देश में करीब 22 लोग हैं जिनकी संपदा देश के 70 करोड़ लोगों की संपत्ति के समान है। केवल एक प्रतिशत लोग देश की 40 प्रतिशत संपदा पर नियंत्रण रखते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में दलितों, अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों, अल्पसंख्यकों और सामान्य श्रेणी के निर्धन लोगों के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
साथियों बात अगर हम दोनों शीर्ष नेताओं पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले दर्ज़ होने की करेंतो,दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के वरिष्ठ नेताओं पर धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर नफरत और विभाजन पैदा करने के आरोप लगाए हैं। दोनों पार्टियों को 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गएथे। चुनाव आयोग ने पीएम और युवा नेता  के बयानों पर आपत्ति जताए जाने के बाद गुरुवार को संज्ञान लिया था। आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप मेंदोनो पार्टियों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा था। चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 के तहत दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को जवाब देने को कहा है।
साथियों बात अगर हम हाईकोर्ट द्वारा माननीय पीएम के खिलाफ़ याचिका खारिज़ होनें की करें तो, दिल्ली हाई कोर्ट ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का हवाला देकर पीएम  को छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। याचिकाकर्ता ने पीएम पर यूपी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते समय आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। एक एडवोकेट द्वारा दायर याचिका में पीएम को छह साल की अवधि के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी।न्यायमूर्ति की एकल पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही मान बैठा है कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है।सुप्रीम कोर्ट किसी भी शिकायत पर विशेष दृष्टिकोण अपनाने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश जारी नहीं कर सकता। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही चुनाव आयोग से संपर्क कर चुका है और आयोग उसकी शिकायत पर स्वतंत्र विचार कर सकता है। चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए वकील द्वारा दी गई दलील में कहा गया है कि शिकायत का संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी और इस संबंध में जरूरी आदेश पारित किए जाएंगे।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि टकाटक-टकाटक, ठकाठक ठकाठक, खटाखट-खटाखट बनाम अधिकार आवाज़ और आरक्षण छिनने की राह पर।चुनाव आयोग में दो पार्टियों के शीर्ष नेताओं पर आचार संहिता उल्लंघन मामले दर्ज-पीएम को 6 साल चुनाव लड़ने से अयोग्य मांग वाली याचिका हाईकोर्ट में खारिज़।लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण 7 मई 2024 में शीर्ष नेताओं के शाब्दिक वार पलटवार चरम सीमां पर-4 जून 2024 का इंतजार है।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.