कोड-ई हेतु 1 अतिरिक्त एयरोब्रिज निर्माणाधीन है और यह मार्च 2024 तक चालू होगा
प्रविष्टि तिथि: 12 FEB 2024
हाल ही में मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि एयरोब्रिज और अन्य परिचालन सीमाओं की कमी के कारण चेन्नई हवाईअड्डे में कई लंबी दूरी की वाइडबॉडी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें नहीं मिलेंगी। इन रिपोर्टों में तथ्यों और सटीकता का अभाव है। इस संबंध में यह बात ध्यान देने योग्य है कि
- चेन्नई हवाई अड्डे के टर्मिनल परिसर में 13 एयरोब्रिज हैं, और कोड-ई हेतु 1 अतिरिक्त एयरोब्रिज निर्माणाधीन है और यह मार्च 2024 तक चालू होगा।
- 13 में से 5 एयरोब्रिज कोड-ई विमानों की आपूर्ति कर सकते हैं।
- 2025 में टी2 का दूसरा चरण पूरा होने के बाद, अतिरिक्त 3 कोड-ई दक्ष एयरोब्रिज जल्द ही उपलब्ध होंगे।
- इसलिए, 2025 के बाद, स्विंग मोड में अंतर्राष्ट्रीय प्रचालनों के लिए कोड-ई विमानों हेतु 9 एयरोब्रिज उपलब्ध होंगे।
- खबरों में उल्लिखित विमान ए380 कोड-एफ प्रकार के विमानों का प्रमुख है जिसका उत्पादन 2021 से बंद कर दिया गया है।
- नई पीढ़ी के वाइडबॉडी वाले लंबी दूरी के विमान ए350 और बी777 जो प्रचालित किए जा रहे हैं और जिन्हें भविष्य के लिए एयरलाइंस द्वारा ऑर्डर किया जा रहा है, कोड-ई प्रकार के विमान हैं तथा चेन्नई हवाई अड्डा उन्हें हैंडल कर सकता है।