ग्वालियर के ‘मेला ग्राउंड’ में शुक्रवार यानी 21 जुलाई को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की जनसभा की कामयाबी के लिए प्रदेश के हर कांग्रेस नेता ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी थी.
कई बड़े नेता कई दिनों से ग्वालियर में डेरा डाले हुए रहे.
ग्वालियर और उसके आसपास का इलाक़ा कांग्रेस के लिए इस बार के विधानसभा के चुनावों में बहुत अहमियत रखता है. ख़ास तौर पर चंबल और मुरैना का इलाक़ा, जहाँ हमेशा से ही सिंधिया राजघराने का बड़ा प्रभाव रहा है.
कांग्रेस के एक गुट पर तो पूरी तरह से सिंधिया राजघराने का ही आधिपत्य तब तक रहा जब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 समर्थक विधायकों और कई नेताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं हो गए.
वर्ष 2018 के विधानसभा के चुनावों तक मध्य प्रदेश कांग्रेस में मुख्य तौर पर तीन गुट ही ऐसे माने जाते रहे जिनकी प्रदेश या पार्टी की राजनीति पर असरदार पकड़ रही. पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का गुट, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट.