भारत अपने विविध व्यंजनों, संस्कृति, ऐतिहासिक स्मारकों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इसके बावजूद, कई सरकारी पहल के बावजूद, यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप
दूसरी ओर, दक्षिण-पूर्व एशिया भारतीय पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। 2023 में, 42.9 लाख भारतीयों ने ASEAN देशों (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) की यात्रा की, जबकि 2024 के पहले नौ महीनों में यह आंकड़ा 42.7 लाख तक पहुंच गया। इसके विपरीत, भारत को 2023 में ASEAN देशों से केवल 7.5 लाख और 2024 में अक्टूबर तक सिर्फ 6.6 लाख पर्यटक मिले।
यह असंतुलन बताता है कि भारतीय पर्यटक दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को पसंद कर रहे हैं, लेकिन वहां के लोग भारत आने के लिए उत्साहित नहीं हैं। इसकी वजह क्या है?
भारत के मुकाबले दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की लोकप्रियता क्यों बढ़ रही है?
दक्षिण-पूर्व एशिया भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रहा है क्योंकि:
- सरल वीज़ा प्रक्रियाएँ – थाईलैंड, वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों ने भारतीयों के लिए वीज़ा नियमों को आसान बना दिया है।
- बेहतर हवाई संपर्क – कई सीधी उड़ानों की सुविधा ने यात्रा को आसान बना दिया है।
- सस्ती और सुविधाजनक यात्रा – भारतीय मुद्रा की तुलना में वहां पर्यटन अधिक किफायती है।
- स्वच्छता और बेहतर बुनियादी ढाँचा – ASEAN देशों में सार्वजनिक स्थल और पर्यटन क्षेत्र अधिक स्वच्छ और सुव्यवस्थित हैं।
- सुरक्षा की भावना – पर्यटकों, खासतौर पर महिलाओं, को दक्षिण-पूर्व एशियाई शहरों में रात में भी सुरक्षित महसूस होता है।
भारत में पर्यटन को क्या बाधाएँ रोक रही हैं?
भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन दो प्रमुख मुद्दे इसे रोकते हैं: सुरक्षा की कमी और खराब स्वच्छता।
1. स्वच्छता की समस्या
भारत ने “स्वच्छ भारत अभियान” के तहत 4,000 से अधिक शहरों में 11 करोड़ शौचालय बनाए। लेकिन स्वच्छ और उपयोगी सार्वजनिक शौचालयों की उपलब्धता अभी भी चुनौती बनी हुई है।
- विदेशी पर्यटक साफ-सुथरी सड़कों, कचरे के उचित प्रबंधन और स्वच्छ सार्वजनिक स्थानों की अपेक्षा करते हैं।
- अधिकांश भारतीय शहरों में गंदगी और अव्यवस्था आम समस्या बनी हुई है, जिससे भारत की छवि को नुकसान पहुँचता है।
- दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में सख्त स्वच्छता नियम हैं, जबकि भारत में खुले में कचरा फेंकना और अव्यवस्थित सड़कें आम बात हैं।
2. सुरक्षा की चिंता
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सुरक्षित माहौल आवश्यक है।
- सिंगापुर, बैंकॉक, कुआलालंपुर और हनोई जैसे शहरों में महिलाएँ बिना किसी डर के रात में भी घूम सकती हैं।
- भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध, विशेषकर विदेशी महिला पर्यटकों के प्रति हिंसा और छेड़छाड़ की घटनाएँ, देश की नकारात्मक छवि बनाती हैं।
- ASEAN मीडिया में भारतीय शहरों को महिलाओं के लिए असुरक्षित बताया जाता है, जिससे कई पर्यटक भारत आने से हिचकते हैं।
- भारतीय समाज को पारंपरिक और रूढ़िवादी माना जाता है, जिससे युवा पर्यटकों को कभी-कभी असहजता महसूस होती है।
पर्यटन सुधार के लिए आवश्यक कदम
भारत एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर वाला देश है, लेकिन इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुधार करने होंगे:
- स्वच्छता में सुधार – सार्वजनिक स्थानों, बाजारों और पर्यटक स्थलों की सफाई सुनिश्चित की जाए।
- सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना – महिलाओं और विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून लागू किए जाएँ।
- सड़क और बुनियादी ढाँचे का विकास – स्वच्छ और सुव्यवस्थित सड़कें, उपयोगी शौचालय और बेहतर परिवहन सुविधाएँ दी जाएँ।
- पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार – डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारत की खूबसूरती को सही तरीके से पेश किया जाए।
- सुरक्षा और स्वच्छता नियमों का सख्ती से पालन – पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए वैश्विक मानकों को अपनाया जाए।
यदि भारत इन चुनौतियों से निपटता है, तो यह न केवल ASEAN देशों से बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन सकता है।