Monday, January 13, 2025

Latest Posts

इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (आईआईएल) ने भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित हेपेटाइटिस ए वैक्सीन ‘हेविश्योर®’ लॉन्च किया

भारत ने ‘हेपेटाइटिस ए’ के टीके के लिए आत्मनिर्भरता हासिल की, यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक उपयुक्त उदाहरण है।

हैदराबाद, 20 जनवरी 2024 – नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी – NDDB) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी और भारत की अग्रणी बायोफार्मास्युटिकल कंपनी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (आईआईएल – IIL) ने भारत के पहले पूर्णतः स्वदेशी रूप से विकसित हेपेटाइटिस ए वैक्सीन (टीका) के लॉन्च के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य में एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है। “हैविश्योर®” टीका हेपेटाइटिस ए के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।

यह नया टीका, हैविश्योर®, आईआईएल (IIL) के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की समर्पित टीम के व्यापक अनुसंधान और विकास प्रयासों का परिणाम है। यह पूरी तरह स्वदेशी रूप से विकसित टीका हेपेटाइटिस ए को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है, जो एक अत्यधिक संक्रामक यकृत संक्रमण तथा एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है। हेपेटाइटिस ए एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से मल-मौखिक मार्ग से फैलता है, जिसका अर्थ है कि यह दूषित भोजन या पानी के सेवन से फैलता है।हेविश्योर

इस अवसर पर बोलते हुए, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. के आनंद कुमार ने कहा, “हैविश्योर® का लॉन्च देश के लिए स्वास्थ्य देखभाल समाधानों को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। वर्तमान में हेपेटाइटिस ए के टीके हमारे देश में आयात किए जाते हैं और आत्मनिर्भर भारत के सही अर्थ में आईआईएल ने अथक प्रयासो के फलस्वरूप हेपेटाइटिस ए के लिए भारत का पहला टीका विकसित किया है। हेविश्योर® टीका का 8 केंद्रों में व्यापक नैदानिक परीक्षण के दौरान यह सुरक्षित और अत्यंत प्रभावकारी साबित हुआ है। हेविश्योर® के साथ, हमारा लक्ष्य इस संक्रामक बीमारी की रोकथाम में महत्वपूर्ण योगदान देना है। आईआईएल द्वारा एक ही वर्ष में तीन वैक्सीन लॉन्च करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है और इसका पूरा श्रेय मेरी टीम को जाता है।”

हेपेटाइटिस ए वायरस, जो मुख्य रूप से लीवर को प्रभावित करता है, से बचाने के लिए “हेविश्योर®” एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यह टीका बीमारी को रोकने में प्रभावी है और नियमित टीकाकरण में बच्चों के लिए इसकी सिफारिश की जाती है। यह दो खुराक वाला टीका है जिसमें पहली खुराक 12 महीने से ऊपर की उम्र में दी जाती है और दूसरी खुराक पहली खुराक के कम से कम 6 महीने बाद दी जाती है। वैक्सीन की सिफारिश उन व्यक्तियों के लिए भी की जाती है जो जोखिम में हैं या उच्च हेपेटाइटिस ए प्रसार वाले क्षेत्रों की यात्रा करते हैं। इसके अलावा संक्रमण के व्यावसायिक जोखिम वाले और पुरानी यकृत रोगों से पीड़ित लोगों को भी हेपेटाइटिस ए टीकाकरण की आवश्यकता होती है।

आईआईएल की विनिर्माण क्षमताओं पर चर्चा करते हुए, आईआईएल के उप प्रबंध निदेशक डॉ. प्रियब्रत पटनायक, ने कहा, “कंपनी ने उत्पादन बढ़ाने और हेपेटाइटिस ए वैक्सीन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाओं में काफी निवेश किया है। लॉन्च के हिस्से के रूप में, आईआईएल हेपेटाइटिस ए के बारे में जागरूकता और बाल चिकित्सा, किशोर और वयस्क टीकाकरण दोनों के महत्व को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों, कॉर्पोरेट अस्पतालों और सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करेगा।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.