Thursday, September 18, 2025

Latest Posts

प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्टार्ट-अप महाकुंभ का उद्घाटन किया

“यह वास्‍तव में एक महाकुंभ है, जो अभूतपूर्व ऊर्जा और जीवंतता का निर्माण कर रहा है”

“स्टार्ट-अप महाकुंभ में आने वाला कोई भी भारतीय भविष्य के यूनिकॉर्न और डेकाकॉर्न का साक्षी बनेगा”

“स्टार्टअप एक सामाजिक संस्कृति बन गया है और कोई भी सामाजिक संस्कृति को रोक नहीं सकता है”

“देश में 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्ट-अप महिलाओं के नेतृत्व वाले हैं”

“मुझे विश्वास है कि वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधान विश्‍व के कई देशों के लिए मददगार बनेंगे”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्टार्ट-अप महाकुंभ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डाला और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के रोडमैप पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दशकों में सूचना प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में भारत की छाप छोड़ने का उल्‍लेख किया और नवाचार तथा स्टार्ट-अप संस्कृति के उभरते रुझानों को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप जगत के लोगों की उपस्थिति आज के अवसर के महत्व को दर्शाती है। देश में स्टार्ट-अप की सफलता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने उस मौलिक प्रतिभाशाली तत्व की ओर ध्यान आकर्षित किया जो उन्हें सफल बनाता है। उन्होंने निवेशकों, इनक्यूबेटरों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्योग के अग्रणी सदस्यों और वर्तमान एवं भविष्य के उद्यमियों की उपस्थिति को स्वीकारते हुए कहा कि वास्तव में यह महाकुंभ अभूतपूर्व ऊर्जा और जीवंतता का निर्माण कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे खेल और प्रदर्शनी स्टॉलों का दौरा कर रहे थे, तो उन्‍हें इसी भावना का अनुभव हुआ। इन स्‍टॉलों पर लोगों ने बड़े गर्व से अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया। उन्‍होंने कहा कि स्टार्ट-अप महाकुंभ में आने वाला कोई भी भारतीय भविष्य के यूनिकॉर्न और डेकाकॉर्न का साक्षी बनेगा।

प्रधानमंत्री ने सही नीतियों के कारण देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास पर संतोष व्यक्त किया। समाज में स्टार्टअप की अवधारणा के प्रति शुरुआती अनिच्छा और उदासीनता का स्‍मरण करते हुए उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत समय के साथ नवोन्‍मेषी विचारों को मंच मिला। उन्होंने फंडिंग स्रोतों और शैक्षणिक संस्थानों में इनक्यूबेटरों के साथ विचारों को जोड़कर इकोसिस्टम के विकास को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे टियर 2 और टियर 3 शहरों के युवाओं को सुविधाएं प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप एक सामाजिक संस्कृति बन गया है और सामाजिक संस्कृति को कोई नहीं रोक सकता।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व छोटे शहरों द्वारा किया जा रहा है और यह क्रांति कृषि, वस्त्र, चिकित्सा, परिवहन, अंतरिक्ष, योग और आयुर्वेद सहित कई क्षेत्रों में परिलक्षित हो रही है। अंतरिक्ष स्टार्टअप के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप अंतरिक्ष क्षेत्र में 50 से अधिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिनमें स्पेस शटल का प्रक्षेपण भी शामिल है।

प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स के बारे में बदलती सोच पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स ने यह मानसिकता बदल दी है कि व्‍यवसाय शुरू करने के लिए बहुत अधिक धनराशि की आवश्‍यकता होती है। उन्होंने नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाला बनने का रास्ता चुनने के लिए देश के युवाओं की सराहना की।

उन्होंने कहा कि भारत में 1.25 लाख स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं। यहां तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिसमें 12 लाख युवा सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से अपने पेटेंट शीघ्रता से दाखिल करने के प्रति सतर्क रहने को कहा। जीईएम पोर्टल ने व्यवसायों और स्टार्टअप्स को 20,000 करोड़ रुपये से भी अधिक प्रदान किए हैं। उन्होंने नए क्षेत्रों में जाने के लिए युवाओं की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतिगत मंचों पर शुरू किए गए स्टार्ट-अप आज नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।

डिजिटल इंडिया द्वारा स्टार्ट-अप को प्रदान किए गए प्रोत्साहन को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बड़ा प्रेरणा स्रोत है। उन्‍होंने सुझाव दिया कि कॉलेज इसे एक अध्‍ययन के रूप देखें। उन्होंने कहा कि यूपीआई फिन-टेक स्टार्ट-अप के लिए समर्थन का एक स्तंभ बन गया है जो देश में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए नवीन उत्पादों और सेवाओं के विकास का नेतृत्व करता है। उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत मंडपम में स्थापित एक बूथ पर उद्योग और वैश्विक नेताओं की लंबी कतारों को याद किया, जिसमें यूपीआई की कार्यप्रणाली समझाई गई थी और ट्रायल रन की पेशकश की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे वित्तीय समावेशन सुदृढ़ हुआ है और ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर खाई में कमी आई है। प्रौद्योगिकी का विस्‍तार शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में तक हुआ है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश में 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्ट-अप महिलाओं के नेतृत्व वाले हैं, चाहे वह शिक्षा, कृषि या स्वास्थ्य हो।

प्रधानमंत्री ने न केवल विकसित भारत के लिए बल्कि मानवता के लिए नवाचार की संस्कृति के महत्व पर बल दिया। उन्होंने स्टार्टअप-20 के अंतर्गत वैश्विक स्टार्टअप के लिए एक मंच प्रदान करने की भारत की पहल का उल्लेख किया जो स्टार्टअप को विकास इंजन के रूप में स्‍वीकार करता है। उन्होंने आर्टिफिशिएल इंटलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में भी भारत का पलड़ा भारी होने की बात कही।

प्रधानमंत्री ने एआई उद्योग के आगमन के साथ युवा अन्वेषकों और वैश्विक निवेशकों दोनों के लिए सृजित हो रहे कई अवसरों को रेखांकित किया और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, भारत एआई मिशन एवं सेमीकंडक्टर मिशन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कुछ समय पहले अमेरिकी सीनेट में अपने संबोधन के दौरान एआई पर चर्चा को याद किया और आश्वासन दिया कि भारत इस क्षेत्र में अग्रणी बना रहेगा। उन्‍होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए भारतीय समाधान दुनिया के कई देशों के लिए मददगार बनेंगे।

प्रधानमंत्री ने हैकथॉन आदि के माध्यम से भारतीय युवाओं से सीखने की वैश्विक इच्छा को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारतीय परिस्थितियों में परीक्षण किए गए समाधानों को वैश्विक स्वीकृति मिली है। उन्होंने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और सनराइज सेक्टर क्षेत्रों में भविष्य की आवश्‍यकताओं के लिए अनुसंधान व योजना के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड का उल्लेख भी किया।

प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स से कहा कि वे लोगों की मदद करें और जो उन्‍होंने समाज से ग्रहण किया है वे उसे सहायता के माध्‍यम से लौटाएं। उन्‍होंने संस्‍थानों से कहा कि वे स्‍टार्टअप्‍स क्षेत्रों में शामिल हों। उन्होंने उनसे इनक्यूबेशन केंद्रों, स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करने और छात्रों के साथ अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए कहा। उन्‍होंने हैकथॉन के माध्यम से लिए सरकारी समस्या विवरण के समाधान में युवाओं को शामिल करने के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि शासन में कई अच्छे समाधान अपनाए गए और समाधान तलाशने के लिए हैकथॉन संस्कृति सरकार में स्थापित हुई। उन्होंने व्यवसायों और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) में इसका पालन करने के लिए कहा। उन्होंने महाकुंभ में शामिल लोगों से कहा कि वे कार्रवाई योग्य बिंदुओं को सामने लाए।

प्रधानमंत्री ने भारत को 11वें स्थान से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में युवाओं के योगदान को रेखांकित किया। उन्‍होंने तीसरे कार्यकाल में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की गारंटी को पूरा करने में स्टार्टअप द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका पर भी प्रकाश डाला। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के साथ बातचीत करना उन्हें नई ऊर्जा से भर देता है। उन्होंने युवाओं के भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और श्री सोम प्रकाश सहित अन्य उपस्थित थे।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.