Friday, November 21, 2025

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विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के पुस्तकालयों को भारतीय ज्ञान परम्परा से जुड़े साहित्य से समृद्ध किया जायेगा : उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप एवं “भारतीय ज्ञान परम्परा” से जुड़े साहित्य को प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में उपलब्ध किया जाना सुनिश्चित करें। श्री परमार ने आगामी कार्यशालाओं में शीर्ष समिति के सदस्यों को जुड़कर सार्थक सहभागिता करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि कार्यशालाओं में विषयविद पूर्णरूपेण उपस्थित रहें ताकि पुस्तक लेखन के लिए समयपूर्वक साहित्य सामग्री संकलन हो सके। प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित ऑनलाइन प्रश्नमंच जैसी प्रतियोगिता आयोजित की जाएं। श्री परमार ने कहा कि भारतीय समाज में स्थापित मान्यता एवं परम्परा वैज्ञानिक दृष्टिकोण केंद्रित एवं जीवनोपयोगी है। भारतीय समाज का चिंतन एवं दृष्टिकोण तकनीक आधारित रहा है। हमारी परंपराओं एवं मान्यताओं में संरक्षण का भाव है, जिन्हें युगानुकुल पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है।

ज्ञातव्य है कि प्रदेश के 27 विश्वविद्यालयों में 20 जून से 31 जुलाई तक भारतीय ज्ञान परम्परा के विविध संदर्भों में कार्यशालाओं का आयोजन होगा। प्रदेश के 10 संभागों के महाविद्यालयों और राजा शंकरशाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा में अगस्त एवं सितंबर माह में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।

बैठक में आयुक्त उच्च शिक्षा श्री निशांत वरबड़े, भारतीय ज्ञान परम्परा शीर्ष समिति के उपाध्यक्ष श्री अतुल कोठारी, हिन्दी ग्रंथ अकादमी के निदेशक तथा समिति सदस्य श्री अशोक कड़ेल एवं महर्षि बाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल (हरियाणा) के कुलपति श्री रमेशचंद्र भारद्वाज सहित समिति के सदस्य विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरु उपस्थित रहे।

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