क्षेत्रीय मुख्यालयों यथा भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, शहडोल एवं रीवा में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत यह
सुविधा
भोपाल 14 जून 2024। राज्य शासन के निर्णयानुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अब उपभोक्ताओं को एक ही परिसर में
पृथक-पृथक रहने पर एक से अधिक बिजली कनेक्शन प्रदान करने की सुविधा कुछ शर्तों के आधार पर कराई जा रही है। कंपनी ने कहा
है कि ऐसे आवेदक जो एक ही परिसर में निवास कर रहे हैं लेकिन उनका भोजन पृथक-पृथक बनता है, तो उनके द्वारा अलग बिजली
कनेक्शन का आवेदन करने पर उन्हें नवीन कनेक्शन प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा उन परिसर में किराएदार भी पृथक स्वतंत्र
कनेक्शन लेना चाहते हैं इसके लिए उन्हें रजिस्टर्ड किरायानामा प्रस्तुत करना होगा। साथ ही शर्त यह भी है कि मकान मालिक और
किराएदार सगे संबंधी नहीं होने चाहिए। कंपनी ने कहा है की मूल विद्युत कनेक्शन के अधीन परिवार के द्वारा पृथक कनेक्शन चाहे
जाने पर मूल कनेक्शन परिवार के मुखिया के नाम करवाने हेतु यथा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इन शर्तों को ध्यान में
रखते हुए कंपनी ने एक ही परिसर में पृथक स्वतंत्र घरेलू कनेक्शन दिए जाने में आ रही कठिनाई के निराकरण हेतु सभी क्षेत्रीय
मुख्यालयों यथा भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, शहडोल एवं रीवा में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत यह सुविधा
उपलब्ध कराई गई है। इसके अंतर्गत एक ही परिसर में निवासरत पृथक-पृथक परिवारों को कुछ शर्तों के साथ स्वतंत्र घरेलू कनेक्शन
दिए जाने के निर्देश जारी किए हैं।
ऊर्जा विभाग ने निर्णय लिया है कि
1. ऐसे आवेदक जहां मूल परिसर पर विद्युत चोरी के प्रकरण लंबित है, ऐसे आवेदनों पर कार्यवाही नहीं की जाये।
2. प्राप्त आवेदनों में मूल परिसर पर बकाया राशि होने की स्थिति में मूल परिसर पर बकाया राशि का भुगतान समानुपातिक
रूप से किया जाएगा। उदाहरण स्वरूप, मूल कनेक्शन पर यदि बकाया राशि 30 हजार रुपए है तो वहां एक पृथक कनेक्शन लिया जा
रहा है तो वहां समानुपातिक रूप से बकाया राशि में से 15 हजार एवं यदि दो पृथक कनेक्शन लिए जा रहे हैं तो बकाया राशि में से
10 हजार रूपये जमा कराकर कनेक्शन दिया जा सकता है।
3. मूल परिसर पर राज्य शासन के निर्णय अनुसार दिनांक 31 अगस्त 2023 की स्थिति में आस्थगित बकाया राशि वाले
आवेदनों पर, उक्तानुसार आस्थगित राशि पर ध्यान दिए बिना, उक्त योजनांतर्गत कनेक्शन प्रदान करने की कार्यवाही की जाये।
आस्थगित राशि के निराकरण के संबंध में राज्य शासन द्वारा निर्णय प्रथक से लिया जाएगा।




