जान जोखिम में बर्तन से नदी पार एंकर – छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सरकार की ओर से मुफ्त में मिलने वाले राशन के लिए लोग जान जोखिम में डाल चिंतावागु नदी पार करने को मजबूर हैं. नदी पार करते समय बर्तन ही एक मात्र गांववालों को सहारा रहता है..
मगर जैसे ही बीजापुर कलेक्टर को पता चला तत्काल मौके पर जा कर ग्रामीणों को समझाइस दिया गया साथ ही जल्द पुल बनने का आश्वाशन भी ग्रामीणों दिया गया… वीओ 01 – बीजापुर के अंतिम छोर में बसे भोपालपटनम अनुविभागीय मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर बसे गोरला ग्राम पंचायत का आश्रित गांव मिनुर का संपर्क बारिश के दिनों में टूट जाता है. इस दौरान यहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस कारण इंद्रावती नदी के साथ पहाड़ी नदी और नालों से मिलकर बनी चिंतावागु उफन जाती है. सरकार की बुनियादी सुविधाओं के लिए जान-जोखिम में डालने को मजबूर हैं.
केंद्र और राज्य सरकार बड़े-बड़े दावें करते हैं कि जनता को मुफ्त राशन, स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं. हालांकि चिंतावगु नदियां उफान में आते ही सरकार के ये दावें फेल हो जाते हैं.
बीजापुर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय को चिंतावागु नदी में तेज बहाव हो रही है ऐसे में गंजी एवं अन्य सहारे से ग्रामीणों द्वारा नदी पार करने की जानकारी मिलने पर वस्तुस्थिति का जायजा लेने नगर सेना की टीम के साथ मौके पर पहुंचे..कलेक्टर ने राशन एवं अन्य कारणों से जान जोखिम में डालकर नदी पार नहीं करने की समझाइस दी। वहीं राशन को नगर सेना की टीम द्वारा बोट के माध्यम से पहुंचाने के निर्देश खाद्य विभाग एवं नगर सेना को दिए।
पाण्डेय ने यह भी अवगत कराया कि 8 करोड़ 44 लाख की लागत से पुल निर्माण की तकनीकी स्वीकृति हो चुकी है। प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। जिससे जल्द ही नदी पर पुल निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा जिससे आवागमन बाधित नहीं होगी।