मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन व्यवस्था के नए युग की तरफ कदम बढ़ा रहा है। जनदर्शन कार्यक्रम, समाधान शिविर, और “सुशासन तिहार” जैसे अभिनव अभियानों के माध्यम से शासन अब आम जनता के बीच पहुँचकर उनकी समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान कर रहा है।
शीघ्र समाधान और वास्तविक परिवर्तन
अब पूर्व की तरह नागरिकों की शिकायतें प्रशासन की दीवारों में उलझी नहीं रहतीं। दूर-दराज के क्षेत्रों में बसे लोगों की समस्याएं सीधे उनके द्वार पर पहुंच रही हैं। उदाहरण के तौर पर, लोर्मी विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम बिजराकछार में आयोजित समाधान शिविर में सुनीता यादव ने राशन कार्ड के लिए आवेदन किया, जिसे तत्परता से निपटाया गया। राशन कार्ड मिलने पर उनके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई, जो उनके परिवार के लिए भविष्य की चिंता कम करने वाला था।
मानव गरिमा की सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिकता
इसी प्रकार, मुंगेली विकासखंड के ग्राम चकरभाठा में रहने वाले धन सिंह ने वर्षों से एक जर्जर, बारिश से टपकती छत वाले मकान में जीवन बिताया। उनकी यह पीड़ा “जनदर्शन” मंच द्वारा सुनवाई के बाद प्रशासन की संवेदनशील कार्रवाई से खत्म हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तुरंत पक्के मकान की मंजूरी मिलने से अब धन सिंह और उनका परिवार सुरक्षित, मजबूत और सम्मानपूर्ण जीवन का आनंद उठा सकेंगे।
सशक्त शासन: जन सरोकार की पहचान
छत्तीसगढ़ का शासन प्रशासन केवल कागजी प्रक्रिया तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि मानव संवेदना के साथ जुड़कर जन-जन तक सरकार की पहुंच सुनिश्चित कर रहा है। प्रत्येक राशन कार्ड, हर आवास योजना का लाभ – यह सब इस बात का प्रतिबिंब है कि सरकार असहायता और समस्याओं के सामने कभी भी अनसुनी नहीं रहती।
परिवर्तन की नई मिसाल
छत्तीसगढ़ का यह शासन मॉडल न केवल पारदर्शिता और तकनीकी नवाचारों से सुशोभित है, बल्कि उसमें मानवीय संवेदनाओं का समावेश भी है। “प्रशासन आपके द्वार” नीति के तहत शासन अब केवल आदेश देने वाला नहीं, बल्कि जनसाधारण की हर आवश्यकता का उत्तरदायी साथी बन चुका है। यह परिवर्तन वास्तविकता में बदल रहे सपनों की तस्वीर पेश करता है, जो राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए नई उम्मीद जगाता है।





