Saturday, August 2, 2025

Latest Posts

शिक्षक स्वयं के आचरण से विद्यार्थियों में संस्कारों का रोपण करें: राज्यपाल श्री पटेल

विद्यार्थियों को राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान में योगदान के लिए प्रेरित करें
राज्यपाल सेज विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुए

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि समाज को चिंतन करना चाहिए कि युवा विशाल संसाधन संपन्न देश के निर्माण में सहयोग करने के बजाए देश के बाहर जाकर कार्य करते हैं। दुनिया की शिक्षा व्यवस्था के केन्द्र नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों की धरती के विद्यार्थी अन्य देशों में जाकर अध्ययन करते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय और शिक्षकों से ज्ञान के साथ विद्यार्थियों में स्वयं के आचरण से संस्कारों का रोपण करने की अपेक्षा की है। छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान और राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए प्रेरित करने के लिए कहा है।

राज्यपाल श्री पटेल निजी विश्वविद्यालय, सेज भोपाल के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री पटेल ने कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी पद्मश्री धनराज पिल्लै, पत्रकार श्री हिमांशु शेखर मिश्रा और साहित्यकार श्री आलोक सेठी को मानद डी. लिट् की उपाधि और विभिन्न विषयों के मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण एवं रजत पदक प्रदान किए।

राज्यपाल श्री पटेल ने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षांत छात्र-छात्राओं को यह याद दिलाने का आयोजन है कि उन्हें इस महत्वपूर्ण दिन तक पहुँचने में गरीब से पूरे समाज ने भूमिका निभाई है। उनके प्रति अपने कर्तव्यों का स्मरण रखना विद्यार्थियों का परम दायित्व है। राज्यपाल श्री पटेल कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का उदय हो रहा है, जो विश्वगुरु बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत उदय की इस महान ऐतिहासिक परंपरा और धरोहर का हिस्सा दीक्षित होने वाले विद्यार्थी हैं, जिन्हें श्रेष्ठ समाज और राष्ट्र का निर्माण करना है। उन्होंने स्मरण कराया कि विश्वविद्यालय की शिक्षा पूरा होना, शिक्षा का अंत नहीं है। उन्हें निरंतर सीखने की भावना के साथ ही जीवन की चुनौतियों के समाधान खोजने और लागू करने होंगे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि हर्ष का विषय है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राष्ट्रीय ‍शिक्षा नीति के रूप में भारत के वर्तमान और भविष्य को बनाने का महायज्ञ प्रारंभ किया है। शिक्षा जगत का दायित्व है कि शिक्षा व्यवस्था में नए अवसरों और बदलाव से देश के लिए अच्छे विद्यार्थी, योग्य प्रोफेशनल्स और जिम्मेदार नागरिक तैयार करें। विश्वविद्यालयों के कैम्पस में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्रतिबद्धता के साथ कार्य किये जायें। विद्यार्थियों को उनके पैशन को फॉलो करने के सुलभ अवसर मिलें। शिक्षक अपने स्किल को निरंतर अपडेट करते रहें। शिक्षक अपने आचरण से विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकारों में सहभागिता की प्रेरणा प्रदान करें। विश्वविद्यालयों से कहा कि विद्यार्थियों को श्रम की गरिमा और महत्व से परिचित कराएं। श्रम का सम्मान करने की सीख देने, उन्हें ग्रामीण अंचलों में लेकर जाएं।

मानद उपाधि से सम्मानित पद्मश्री धनराज पिल्लै ने जीवन में अपने परिवार, दोस्तों, शहर, समाज और राष्ट्र का नाम रोशन करने वाले कार्य करने की प्रेरणा दी।श्री आलोक सेठी ने विद्यार्थियों को जीवन में अधिक से अधिक यात्राएं करने का सुझाव दिया। पत्रकार श्री हिमांशु शेखर मिश्रा ने दीक्षांत को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान की कार्य योजना बनाने का अवसर बताया है।

निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष श्री भरत शरण सिंह ने कहा मानव मूल्य जुड़ने पर शिक्षा, दीक्षा हो जाती है। विश्वविद्यालय परिसर के बाहर अब सारा विश्व दीक्षित विद्यार्थियों का है। व्यष्टि से समष्टि की ओर आगे बढ़ते हुए विकसित भारत@2047 के निर्माण में सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।

सेज विश्वविद्यालय के कुलाधिपति इंजीनियर श्री संजीव अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन और एक्जेक्यूटिव डायरेक्टर सुश्री किरण अग्रवाल ने आभार ज्ञापित किया।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.