Friday, August 22, 2025

Latest Posts

जल संसाधन मंत्री ने किया सूचना पोर्टल का लोकार्पण -राजस्थान यह पोर्टल लॉन्च करने वाला देश का पहला राज्य -आमजन को मिलेगी प्रदेश के बांधों और नहरों के जल स्तर की रियल टाइम जानकारी -पोर्टल जल व आपदा प्रबंधन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा – जल संसाधन मंत्री

जयपुर, 15 मार्च। सूचना तकनीक के उपयोग से प्रदेश के प्रमुख जलाशयों के जलस्तर एवं नहरों में प्रवाहित जल का रियल टाइम डेटा पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराने की दिशा में राजस्थान ने एक अभिनव पहल की है। इस सम्बन्ध में शुक्रवार को सिंचाई भवन में जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने राज्य जल संसाधन सूचना प्रणाली डैशबोर्ड का लोकार्पण किया। इस पोर्टल से न केवल बाढ और सूखे के बारे में पूर्वानुमान लगाने में सहायता मिलेगी, बल्कि पानी की उपलब्धता के आधार पर जल का बेहतर प्रबंधन भी संभव होगा। यह प्रणाली जल संसाधन विभाग द्वारा राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत विकसित की गई है। राजस्थान यह पोर्टल लॉन्च करने वाला देश का पहला राज्य है।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री ने कहा कि राजस्थान जैसे वर्षा की कमी वाले प्रदेश में जल प्रबंधन की दिशा में यह पोर्टल मील का पत्थर साबित होगा। जल की उपलब्धता की रियल टाइम जानकारी मिलने का सबसे ज्यादा फायदा किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्षा, जलभराव, तापमान, भू जल की स्थिति और सतही जल की उपलब्धता की लगातार मॉनिटरिंग से प्रदेश के जल संसाधनों का बेहतर व सतत प्रबंधन किया जा सकेगा। श्री रावत ने अधिकारीयों को इस पोर्टल पर आमजन द्वारा सुझाव देने, टिप्पणी और शिकायत करने की भी व्यवस्था करने के लिए भी निर्देशित किया, ताकि आमजन अथवा किसानों की समस्याओं व शंकाओं का त्वरित समाधान किया जा सके।
प्रदेश को ईआरसीपी की सौगात देने पर मुख्यमंत्री का जताया आभार
श्री रावत ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति के कारण यहां सतही जल की कमी है। पानी की इस समस्या के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही में प्रदेश को ईआरसीपी, हथिनीकुंड (ताजेवाला हैड) परियोजना की सौगात दी है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उसके बारे में अधिकाधिक जानकारी होना सबसे अहम है। इसी बात को ध्यान में रखकर राज्य सरकार भी प्रदेशवासियों को सुसंगत आंकड़े पारदर्शिता के साथ उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। राजस्थान जल संसाधन सूचना पोर्टल का उद्देश्य भी जल संसाधन से संबंधित डेटा को पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराना है।
805 बांधों का सम्पूर्ण डेटा होगा उपलब्ध
वर्तमान में 805 बांधों का सम्पूर्ण डेटा तथा मानसून में 242 बांधों का दैनिक व 88 बांधों का लाइव डेटा पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। साथ ही वर्षा मॉड्यूल में 326 मैन्युअल वर्षामापी स्टेशनों का 1957 से अब तक का विश्लेषित डेटा भी ग्राफ के जरिये देखा या डाउनलोड किया जा सकता है। केनाल मॉड्यूल में केनाल नेटवर्क की जानकारी मिलेगी। इस नेटवर्क को जीआईएस पर भी मैप किया गया है। गंग व भाखड़ा नहर प्रणाली, बीसलपुर, जवाई, गुढा, जवाहर सागर बांधों का डेटा स्काडा के माध्यम से लाइव उपलब्ध रहेगा।
वर्षा व जल भराव का रियल टाइम डेटा
रियल टाइम डेटा एम्बिजिसन सिस्टम(RTDAS) के माध्यम से 322 स्थानों का वर्षा, जल भराव, तापमान आदि का रियल टाइम डेटा प्रति घंटे उपलब्ध रहेगा। साथ ही जल संसाधन विभाग के पुराने रिकॉर्ड, मैप, डीपीआर आदि भी कुछ ही समय में पोर्टल पर उपलब्ध होगे। भू-जल मोड्यूल में वर्ष 2011 से 9022 पीजोमीटर/डग वैल/ ऑब्जरवेशन वैल के प्री व पोस्ट मानसून आंकड़े भी उपलब्ध रहेगे।
जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अभय कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में डेटा एक मूल्यवान संसाधन के रूप में उभर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों की सहायता से डेटा का आमजन के हित में प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अन्य विभागों के साथ समन्वय से कार्य कर इस तंत्र को और अधिक सुदृढ़ व प्रभावी बनाया जाएगा।
इस दौरान विभाग के मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव श्री भुवन भास्कर अग्रवाल, मुख्य अभियंता गुण नियंत्रण श्री डी.आर. मीना, मुख्य अभियंता श्री रवि सोलंकी, श्री विनोद चौधरी एवं श्री संदीप माथुर सहित विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
  ————
सोनू शर्मा/प्रियंका

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.