Friday, June 27, 2025
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    केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज झारखंड के चाईबासा में तीन दिवसीय डेरी मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का उदघाटन किया

    केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज झारखंड के पश्चिमी सिंघभूम जिले के चाईबासा में तीन दिवसीय डेरी मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का उदघाटन किया। डेयरी मेला एक ऐसा मंच है जहां डेयरी विज्ञान की नवीनतम तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है। देश के किसानों और पशुपालकों को दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाने की जरूरत है।

    A group of people standing around a person holding a lit up objectDescription automatically generated

    अपने संबोधन में, श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि कोल्हान की धरती पर यह आयोजन यहाँ पर कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आज देश आगे बढ़ रहा है लेकिन हमारा क्षेत्र काफी पिछड़ा है। लेकिन, अब हम इस क्षेत्र में कृषि कार्यों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल हरियाणा के द्वारा झारखंड में इस तरह का पहला आयोजन कोल्हान की धरती पर किया जा रहा है। इस दौरान संस्थान की ओर से जानकारी मिली कि यहां दूध के उत्पादन को हम बढ़ा सकते हैं और मैं कोशिश करूंगा कि इसका एक सेंटर इस क्षेत्र में जरूर खुले जिससे लोगों को दूध उत्पादन में मदद मिले। श्री मुंडा ने कहा कि मैं उन किसानों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं, जो देश की अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान देते हैं। श्री अर्जुन मुंडा ने कृषक समुदाय से सरकार द्वारा शुरू की गई कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे पीएम फसल बीमा और पीएम किसान समृद्धि का लाभ उठाने का आग्रह किया।

    A person speaking into a microphone with flowersDescription automatically generated

    केंद्रीय मंत्री ने लगाए गए स्टालों का दौरा किया और किसान उत्पादक संगठन (FPO’S) और स्थानीय किसानों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि हमारे किसानों की कड़ी मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों जैसे फसल छिड़काव और फसल निगरानी के लिए कृषि ड्रोन की शुरूआत, के कारण देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है।

    A group of people standing around a cowDescription automatically generated

    राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ. धीर सिंह ने बताया कि यह मेला ‘अमृत काल’ उत्सव के हिस्से के रूप में प्रधान मंत्री जी  के दृष्टिकोण के अनुरूप 2047 तक ‘विकसित  भारत’ के लिए पशुधन उत्पादन प्रबंधन एवं डेरी प्रसंस्करण के क्षेत्र में नवोन्मेषी कृषि प्रौद्योगिकी विस्तार द्वारा नये आयाम स्थापित करेगा।

    A group of people standing around a large bag of foodDescription automatically generated

    इस मेले में लगभग 6 हजार से ज्यादा पशु पालक, किसान, इनपुट डीलर्स, उद्यमी, विद्यार्थी, सरकारी एवं गैर-सरकारी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भाग ले रहे हैं जिसमें देश के विभिन्न अनुसंधान संस्थानों, जिला स्तरीय विभागों- जिला उद्यान विभाग,पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग, कृषि विभाग, नाबार्ड बैंक, जिला रेशम पालन विभाग, जिला सिंचाई विभाग, महिला-बाल विकास विभाग आदि  द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का हितधारकों हेतु प्रदर्शन किया जा रहा है जिसमें 50 से अधिक कृषि प्रौद्योगिकी, गाय, बकरी एवं  अन्य पशुओं की प्रदर्शनी स्टाल लगाई गई हैं। जनजातीय क्षेत्र में पशुधन एवं कृषि के चहुमुखी विकास हेतु उन्नत नस्ल के पशुओं की सौन्दर्य प्रतियोगिता के साथ-साथ पशु स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर का आयोजन भी किया  गया है।

    A group of men standing around a table with foodDescription automatically generated

    मेले के दौरान किसानों  को कृषि एवं पशुपालन प्रौद्योगिकी के नवीनतम पहलुओं से अवगत कराने हेतु कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसमें खेती एवं पशुपालन से सम्बंधित प्रश्नों के त्वरित समाधान प्रस्तुत किये जायेंगे। इस मेले में पश्चिम सिंघभूम जनपद के विभिन्न ब्लाक एवं ग्रामों से पधारे हुए सभी किसान भाई बहिनों  द्वारा अभिप्रेरित अनुसंधान को बढावा देने के साथ-साथ सब्जी उत्पादन, फसल उत्पादन,डेरी उत्पादन प्रबंधन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहे किसानो  के  मनोबल को बढाने हेतु पुरस्कृत किया जायेगा। अनुसूचित जन जाति उपयोजना के तहत  कृषकों को  कृषि  ज्ञान के प्रोत्साहन  हेतु  सामग्री प्रौद्योगिकी भी उपलब्ध करायी जायेगी।

    A group of people standing under a tentDescription automatically generated

    पश्चिमी सिंहभूम जिले की सांसद श्रीमती गीता कोड़ा, कृषि वैज्ञानिक, एफपीओ और किसान भी उद्घाटन समारोह के दौरान उपस्थित थे। आईसीएआर-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल, हरियाणा मार्च 9-11, 2024 तक इस डेरी मेले एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। जनजातीय क्षेत्र में पशुधन एवं कृषि के चहुमुखी विकास हेतु इस मेले का आयोजन किया जा रहा है।

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