वर्ष 2014-2024 तक, सिविल सेवा के 2700 वरिष्ठ और मध्यम स्तर के अधिकारियों ने एनसीजीजी में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लिया
इस कार्यक्रम के समापन सत्र को एनसीजीजी के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने संबोधित किया। अपने समापन भाषण में श्री वी. श्रीनिवास ने भारत और बांग्लादेश के बीच विकास साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम ने बांग्लादेश के सिविल सेवा अधिकारियों को नए शासन प्रतिमानों और पहलों के साथ सशक्त बनाया है। एनसीजीजी ने वर्ष 2014-2024 तक विदेश मंत्रालय की सहायता और ढाका में भारतीय मिशन के साथ घनिष्ठ सहयोग से, 2700 बांग्लादेशी सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
समापन सत्र के दौरान प्रतिभागियों के चार समूहों ने प्रमुख विषयों: बांग्लादेश में सार्वभौमिक पेंशन योजना, प्रधानमंत्री की दस विशेष पहल, सुशासन के लिए पांच उपकरण और स्मार्ट बांग्लादेश: समृद्धि का मार्ग- पर प्रस्तुति दी । पाठ्यक्रम समन्वयक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ए.पी. सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए दो सप्ताह के इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस कार्यक्रम ने बांग्लादेश के मध्य-करियर अधिकारियों को दोनों देशों के सुशासन मॉडल और अनुभवों का आदान-प्रदान करने के लिए मूल्यवान मंच प्रदान किया। पूरे क्षमता निर्माण कार्यक्रम का प्रबंधन पाठ्यक्रम समन्वयक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ए.पी. सिंह, एसोसिएट पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ मुकेश भंडारी, और एनसीजीजी क्षमता निर्माण टीम के कार्यक्रम सहायक श्री बृजेश बिष्ट द्वारा किया गया । इस अवसर पर एनसीजीजी की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती प्रिस्का पॉली मैथ्यू भी उपस्थित थीं।
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