Friday, May 9, 2025

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हरियाणा क़े सोनीपत में ईडी की क्रिप्टो करेंसी को लेकर छापेमारी ! 

सोनीपत में नकली क्रिप्टोकरंसी मामले को लेकर शनिवार को टैक्सी ड्राइवर के घर पर ED द्वारा छापेमारी की गई है.. सोनीपत में मयूर विहार की गली नंबर 24 में रहने वाले टैक्सी चालक रमेश गुलिया के घर कई घंटे से जांच लगातार जारी है.. माना जा रहा है कि लाखों का कैश भी बरामद किया गया है..
वहीं ED की टीम पूरे दलबल के साथ पहुंची है..मौके पर वहीं मौके पर केंद्रीय सुरक्षा जाँच एजेंसी के जवान और हरियाणा पुलिस भी मौजूद रही है..
मामले में टैक्सी चालक रमेश गुलिया के भाई नरेश गुलिया पर आरोप हैं कि फर्जी क्रिप्टोकरंसी में धोखाधड़ी, जालसाजी समेत कई मामलों को शामिल लेकर ईडी द्वारा जांच अभियान जारी है.. ईडी द्वारा काफी दस्तावेज भी लिए गए हैं.. ईडी द्वारा लेह लद्दाख और हरियाणा के सोनीपत में मयूर विहार में छापेमारी की गई है..
जहां लाखों का कैश भी बरामद किया गया है.. आपको बता दें कि टैक्सी ड्राइवर रमेश गुलिया का बड़ा भाई नरेश गुलिया पूरे मामले में शामिल रहा है.. और ईडी की टीम पूरे दलबल के साथ सुबह 8:00 बजे सोनीपत के मयूर विहार गली नम्बर 24 में पहुंची थी.. और जहां जांच के साथ काफी दस्तावेज अपने साथ लिए हैं.. आपको बता दें कि नकली क्रिप्टोकरंसी के जरिए लोगों के साथ बड़े स्तर पर जालसाजी की गई है..
जानकारी के मुताबिक के कंपनी के भारत में दो प्रमोटर थे.. जिसमें सोनीपत का नरेश गुलिया और चन्नी सिंह रहा है.. जानकारी के मुताबिक साल 2019 में कंपनी को जानबूझकर भंग कर दिया गया था.. ऐसा माना जा रहा है कि पूरे मामले में एक रियल एस्टेट का व्यवसाय भी शुरू किया गया था.. और नकली क्रिप्टोकरंसी के व्यापार के माध्यम से इकट्ठे किए हुए धन से जम्मू में जमीन खरीदी गई थी..
जानकारी के मुताबिक साल 2017 में इमोलिऐंट कॉइन के नाम से एक क्रिप्टोकरंसी की एप्लीकेशन तैयार की गई थी.. और और इसे डिजिटल करेंसी के माध्यम से बिटकॉइन के बराबर प्लेटफार्म चलने को लेकर कारोबार शुरू किया गया था.. जिसके अंतर्गत $100 में खाता खोला जाता था.. जिसमें एक चैन सिस्टम के तहत अलग-अलग खाता खोले जाते थे.. जिसमें चैन सिस्टम के तहत एक कॉइन के रेट बढ़ जाते थे..
लोगों को एक्सचेंज करने के नाम पर लालच दिया जाता था. इतना ही नहीं ज्यादा से ज्यादा मेंबर जोड़ने को लेकर इंसेंटिव का लालच दिया जाता था.. जिसके अंतर्गत कमीशन इंसेंटिव क़े अलग-अलग स्लैब बनाए गए थे.. जिसके अंतर्गत लाखों लोगों को लेह लद्दाख,जम्मू हरियाणा समेत कई राज्यों क़े लोगों को लालच दिखाकर जोड़ा गया..आरोप है कि 2508 निवेशकों ने इमोलिऐंट कॉइन लिमिटेड के नाम से फर्जी क्रिप्टोकरंसी कारोबार में 7. 34करोड़ से भी ज्यादा पैसे जमा किए थे.. यह भी माना जा रहा है कि बदले में उन्हें किसी प्रकार से कोई रिटर्न या मुद्रा वापस से नहीं दी गई..
और इसी मामले को लेकर अलग-अलग जगह पर छापेमारी की गई है.. पूरे मामले में जांच लगातार जारी है.. वीओ :- गौरतलब है कि पूरे सोनीपत का नरेश गुलिया विदेश में बैठा हुआ है और वहीं से बैठकर सारा कारोबार हैंडल कर रहा है..
परिजनों की माने तो काफी लंबे समय से नरेश गुलिया सोनीपत नहीं आया है..नरेश 1995में आर्मी मेंभर्ती हुआ था , ट्रेनिंग जब्बलपुर में हुईं थी, बाद में ज्वाइन करने क़े 15साल बाद VRS ले ली थी.. उसके बाद दिल्ली में एक शख्स के संपर्क में आने से क्रिप्टोकरंसी का यह खेल शुरू किया था.. हालांकि आज सोनीपत में मयूर विहार गली नंबर 24 में स्थित आवास पर उसके भाई टैक्सी चालक रमेश से पूछताछ की है..
और जिस प्रकार से मौके से लाखों का कैश बरामद हुआ है.. और इस लिहाज से टैक्सी चालक रमेश गुलिया से भी पूछताछ की जा रही है.. छापेमारी के दौरान बाहरी हस्तक्षेप पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.. हालांकि रिश्तेदार और कुछ परिवार के लोग घर के बाहर बैठकर इंतजार करते रहे..वहीं पूरे मामले में तीन से चार गाड़ी में ED की टीम पूरे दलबल के साथ पहुंची है.. और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के जवान भी शामिल है.

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