ब्रिजिंग होराइजन्स
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आइज़ोल से शुरू की गई 9,000 करोड़ रुपये की आधारभूत संरचना परियोजनाएँ मिज़ोरम के लिए विकास का नया युग लेकर आई हैं। नीली पहाड़ियों की गोद में रखी यह बुनियादी संरचनाएँ केवल कंक्रीट और इस्पात का जाल नहीं हैं, बल्कि भारत के उत्तर-पूर्व को देश की मुख्यधारा और वैश्विक बाजारों से जोड़ने का सशक्त प्रतीक हैं।
कनेक्टिविटी का नया अध्याय
बैराबी–सैरांग रेल लाइन, 45 सुरंगों और 143 पुलों से होकर गुजरते हुए, उस इच्छाशक्ति और तकनीकी क्षमता का परिचायक है जो भारत ने आज हासिल की है। अब आइज़ोल सिर्फ भौगोलिक नक्शे पर नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक धुरी पर दर्ज हो चुका है। दिल्ली से सीधे राजधानी एक्सप्रेस, गुवाहाटी और कोलकाता से तेज़ जुड़ाव ने न केवल यात्रा का समय घटाया है बल्कि छात्रों, उद्यमियों और आम परिवारों के सपनों को भी नया पंख दिया है।
विकास का नया विमर्श
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि दशकों की उपेक्षा का दौर अब बीत चुका है। अब सरकार की प्राथमिकता है – सड़क से लेकर इंटरनेट, बिजली से लेकर जल आपूर्ति और एलपीजी तक, हर सुविधा को गांव-गांव तक पहुँचाना। उड़ान योजना के तहत हेलीकॉप्टर सेवाएँ उन दूरदराज़ मिज़ो गांवों को भी अवसरों से जोड़ेगी जो अब तक अलग-थलग रहे थे।
मिज़ोरम: परिधि से केंद्र तक
मोदी ने मिज़ो नायकों का स्मरण कर क्षेत्र की ऐतिहासिक चेतना और बलिदान को भारत की राष्ट्रीय चेतना से जोड़ा। एकलव्य मॉडल स्कूलों, आधुनिक छात्रावासों और खेल अधोसंरचना से युवा पीढ़ी को न केवल शिक्षा, बल्कि पहचान और भविष्य मिल रहा है। 4,500 से अधिक स्टार्ट-अप्स और 25 इनक्यूबेटर यह दिखाते हैं कि मिज़ोरम अब विकास का भागीदार ही नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता भी बन रहा है।
अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा
जीएसटी सुधारों ने रोज़मर्रा की ज़रूरतों को सस्ता बनाया है। साबुन, दवाइयाँ और बीमा तक आसान दरों पर मिलने लगे हैं। होटल टैक्स घटाकर 5% करना मिज़ोरम में पर्यटन को नई गति देगा। यह सब तब हो रहा है जब भारत की अर्थव्यवस्था 7.8% की दर से बढ़ रही है और मेक इन इंडिया से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, देश आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम बढ़ा रहा है।
निष्कर्ष
यह परियोजनाएँ केवल पुल और रेल लाइन नहीं हैं, बल्कि आशा और आत्मविश्वास की रेखाएँ हैं। यह उस मिज़ोरम का चित्रण है जो अब हाशिये पर नहीं, बल्कि भारत के विकास मानचित्र के केंद्र में है। रेल की सीटी अब केवल ट्रैक पर गूँज नहीं रही, यह उपेक्षा से सशक्तिकरण की यात्रा का उद्घोष है। प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि ने मिज़ोरम को भारत की प्रगति की धड़कन बना दिया है।




