Friday, October 4, 2024

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केन्‍द्रीय आयुष मंत्री ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में भाग लिया

एनएएम योजना के लिए बजटीय प्रावधान बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपये

प्रविष्टि तिथि: 15 FEB 2024

दुनिया समग्र स्वास्थ्य सेवा की आशा कर रही है। आज योग और आयुष पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। केन्‍द्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज बिहार के पटना में आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित छह राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड,मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।

आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) की केन्‍द्र प्रायोजित योजना के तहत अपने संबंधित राज्य वार्षिक कार्य योजनाओं (एसएएपी) के माध्यम से उनके द्वारा प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश सरकारों के प्रयासों में सहयोग कर रहा है। एनएएम को जरूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करने के लिए आयुष स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को मजबूत और बेहतर बनाकर पूरे देश में आयुष स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने की कल्‍पना और उद्देश्यों के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है। केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023-24 तक एनएएम के एक घटक के रूप में राज्य/केन्‍द्रशासित प्रदेश सरकारों के माध्यम से आयुष मंत्रालय द्वारा 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केन्‍द्रों (एएचडब्ल्यूसी) के संचालन को मंजूरी दे दी है।

आयुष मंत्रालय ने 2014-15 से अब तक एनएएम के तहत 07 राज्यों (बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) को 1712.54 करोड़ रुपये जारी किए हैं। मंत्रालय ने 2022-23 तक राज्यों में 58 एकीकृत आयुष अस्पतालों को भी सहयोग दिया है और उनमें से 14 चालू हैं, जैसा कि उनके द्वारा बताया गया है। मंत्रालय इन 07 राज्यों में 12,500 एएचडब्ल्यूसी में से 4235 एएचडब्ल्यूसी को पहले ही सहयोग दे चुकी है और उनमें से 3439 को उनके द्वारा काम लायक बताया गया है।

एनएएम के तहत, मंत्रालय ने 2022-23 के दौरान अयोध्या में एक नए आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में नए होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में योग और प्राकृतिक चिकित्सा कॉलेज की स्थापना के लिए भी सहयोग दिया है।

केन्‍द्रीय मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की आयुष टीम से आयुष शिक्षण संस्थानों के निर्माण कार्य में जल्द से जल्द तेजी लाने और इसे क्रियाशील बनाने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे स्वीकृत एकीकृत आयुष अस्पतालों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए तत्काल कदम उठाएं और उन्हें जल्द से जल्द चालू करें ताकि लोग आयुष सेवाओं का लाभ उठा सकें।

केन्‍द्रीय मंत्री ने राज्यों से स्वास्थ्य के समग्र दृष्टिकोण के लिए समुदाय को विभिन्न आयुष वस्‍तुएं प्रदान करने के लिए एनएएम दिशानिर्देशों में शामिल आयुष सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने पर जोर देने की भी अपील की। आयुर्वेद जैसे कार्यक्रम: स्कूली बच्चों के लिए आयुष के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना, सुप्रजा: आयुष मातृ एवं नवजात हस्तक्षेप, वयोमित्र: आयुष आधारित चिकित्सा कार्यक्रम, ऑस्टियोआर्थराइटिस और अन्य मस्कुलोस्केलेटल विकारों की रोकथाम और प्रबंधन, आयुष मोबाइल चिकित्सा इकाइयां आदि आयुष प्रणाली को मजबूत करेंगे। राज्य सरकारों, विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से भी अनुरोध किया गया है कि वे संभावित क्षेत्रों में व्यापक आधार पर लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के रुग्णता प्रबंधन और दिव्‍यांगता रोकथाम (एमएमडीपी) के लिए आयुष पर राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करें।

इस अवसर पर, केन्‍द्रीय राज्य मंत्री डॉ. मुंजापारा महेंदाभाई ने कहा, “आयुष मंत्रालय के पास कोलकाता, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान और राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान नामक एक उपग्रह संस्थान, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ भाग लेने वाले राज्यों में अनुसंधान परिषदों के तहत 26 परिधीय केन्‍द्रीय/क्षेत्रीयअनुसंधान संस्थान/केन्‍द्रों/नैदानिक अनुसंधान इकाइयां/औषधि मानकीकरण इकाई आदिहैं। उनमें से अधिकांश यहां मौजूद हैं और उन्हें राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (एसपीएमयू)/सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ),टेलीमेडिसिन, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने, आईईसी, निगरानी और क्षेत्र का दौरा आदिके क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण सहित एनएएम के तहत विभिन्न गतिविधियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों को सहायता प्रदान करने के लिए संवेदनशील बनाया गया है।

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने अपने भाषण में कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन आयुष मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है जिसे देश में आयुष प्रणालियों के विकास और प्रचार के लिए राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश सरकारों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है। पिछले वर्ष के संदर्भ में, एनएएमयोजना के लिए बजटीय प्रावधान भी 800 करोड़ से बढ़कर 1200 करोड़ हो गया है।

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आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव कविता गर्ग ने संबंधित राज्यों के राष्ट्रीय आयुष मिशन की स्थिति के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत की। क्षेत्रीय समीक्षा बैठक के दौरान मंत्रियों और आयुष मंत्रालय की सचिव लीना जौहरी, प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश, प्रत्यय अमित, अतिरिक्त मुख्य सचिव, बिहार अलंकृता, कार्यकारी निदेशक आयुष बिहार के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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