विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर से खुलेगा निवेश और नवाचार का द्वार
मध्यप्रदेश अब केवल भारत के केंद्र में स्थित एक राज्य नहीं, बल्कि विश्व मानचित्र पर उभरती एक नई संभावना बन चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य ने वह कदम उठा लिया है जो इसे अंतरराष्ट्रीय संवाद, निवेश और नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित कर सकता है। भोपाल में फिएरा बार्सिलोना इंटरनेशनल (स्पेन) के साथ हुए समझौते (एमओयू) के तहत एक विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण इसी दिशा में ऐतिहासिक पहल है।
यह परियोजना सिर्फ़ एक इमारत नहीं, बल्कि उस आत्मविश्वास की प्रतीक है जो मध्यप्रदेश ने हाल के वर्षों में अर्जित किया है। यह वही बीज है जो मुख्यमंत्री की जुलाई में हुई स्पेन यात्रा के दौरान बोया गया था, जब उन्होंने फिएरा बार्सिलोना के शीर्ष अधिकारियों से भेंट कर उन्हें “मध्यप्रदेश की विकास यात्रा के सहभागी” बनने का आमंत्रण दिया था।
संस्कृति और व्यापार का संगम
इस समझौते का दायरा केवल बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं है। यह भारत और स्पेन के बीच सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और तकनीकी सहयोग की एक नई परिभाषा प्रस्तुत करता है। स्पेन के राजदूत जुआन एंतोनियो मार्च पुझोल और फिएरा बार्सिलोना के सीईओ रिकाड ज़ापातेरे की मौजूदगी में हुआ यह समझौता इस बात का प्रमाण है कि मध्यप्रदेश अब वैश्विक उद्योग और निवेश जगत का नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
इस साझेदारी से भोपाल और प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, निवेश सम्मेलनों, व्यापारिक वार्ताओं और स्मार्ट सिटी समाधानों की प्रदर्शनी के लिए अत्याधुनिक मंच तैयार होगा। यह न केवल विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेगा बल्कि स्थानीय उद्योगों को भी वैश्विक मंच तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की वैश्विक दृष्टि
डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति उसे देश के आर्थिक और रणनीतिक नेटवर्क में एक “प्राकृतिक केंद्र” बनाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य की मंशा केवल विकास के आंकड़े बढ़ाने की नहीं, बल्कि एक वैकल्पिक कन्वेंशन हब के रूप में दिल्ली-एनसीआर के समानांतर नई पहचान गढ़ने की है।
मुख्यमंत्री ने इंदौर और भोपाल से आगे बढ़कर जबलपुर और ग्वालियर को भी भविष्य के महानगरीय केंद्रों के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि बार्सिलोना का संतुलित विकास जहाँ आधुनिकता और सांस्कृतिक धरोहर साथ-साथ चलते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “विकास और विरासत के संगम” की दृष्टि से पूर्णतः मेल खाता है। यही संतुलन अब मध्यप्रदेश की शहरी योजना का आधार बनेगा।
अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का प्रवेश द्वार
यह कन्वेंशन सेंटर केवल ईंट और कांच का ढांचा नहीं होगा, बल्कि यह वैश्विक नेटवर्क का प्रवेश द्वार बनेगा। यहीं से अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत के उभरते हुए आर्थिक परिदृश्य से जुड़ेंगी। यह परियोजना भारत और स्पेन के बीच उस सहयोग का प्रतीक है, जो न केवल दो देशों को जोड़ती है बल्कि दो महाद्वीपों की रचनात्मक ऊर्जा को एक सूत्र में बांधती है।
स्पेन के राजदूत पुझोल के शब्दों में—“भारत की नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक दक्षता जब स्पेन के अनुभव से मिलेगी, तो परिणाम विश्व के लिए अनुकरणीय होंगे।”
भविष्य की दिशा
विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण मध्यप्रदेश के लिए केवल निवेश और प्रदर्शनियों का अवसर नहीं, बल्कि एक दृष्टि का साकार रूप है एक ऐसा प्रदेश जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित होकर अब आत्मविश्वासी भारत का चेहरा बन रहा है।
मध्यप्रदेश अब केवल भौगोलिक रूप से देश के बीच में नहीं है; वह आर्थिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है जहाँ से भारत की वैश्विक आकांक्षाएँ आकार ले रही हैं।