आज जब “जनसांख्यिकीय लाभ” (Demographic Dividend) ज़्यादातर नीतिगत भाषणों और रिपोर्टों तक सीमित है, छत्तीसगढ़ ने इसे ज़मीन पर उतारने का ठोस रास्ता चुन लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य का युवा आयोग सिर्फ़ सुझाव लेने वाला मंच नहीं, बल्कि युवाओं को नीति-निर्माण और विकास यात्रा का सक्रिय साझेदार बनाने वाला सेतु बन चुका है। यह साझेदारी शोर-शराबे से नहीं, बल्कि निरंतर और सटीक पहल से आकार ले रही है।
संवाद जो बदलाव गढ़ता है
‘युवा संवाद’ अभियान ने जिलों से लेकर राज्य स्तर तक एक ऐसा माहौल बनाया है, जहाँ युवाओं की आवाज़ केवल सुनी ही नहीं, बल्कि अमल में भी लाई जाती है। अप्रैल 2025 में बस्तर संभाग के छह जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव—में हुए कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं, NCC/NSS कैडेट्स और खिलाड़ियों ने जिस ऊर्जा के साथ भाग लिया, उसने यह साफ़ कर दिया कि नेतृत्व का बीज स्कूल-कॉलेज से ही पनपता है।
शिविरों से आत्मनिर्भरता तक
युवा प्रेरणा शिविर अनुशासन, टीमवर्क, सेवा भावना और सकारात्मक जीवन शैली को एक साथ गढ़ने का माध्यम बने हैं। योग, खेलकूद और मार्गदर्शन सत्रों का मेल एक ऐसा मॉडल पेश करता है जो मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकास को समान महत्व देता है।
उद्यमिता के क्षेत्र में भी आयोग ने ठोस क़दम उठाए हैं—प्रशिक्षण, वित्तीय सहयोग और बाज़ार से जुड़ाव—ख़ासकर ग्रामीण और महिला उद्यमियों के लिए। ‘युवा गौरव’ और ‘युवा प्रेरणा’ जैसे सम्मान ने यह संदेश दिया कि प्रतिभा को सराहा जाएगा, केवल आँका नहीं जाएगा।
डिजिटल युग के लिए तैयारी
आज डिजिटल ज्ञान न होना, नई सदी की निरक्षरता के बराबर है। IT और डिजिटल स्किल ट्रेनिंग से युवाओं को न केवल रोज़गार के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि ‘डिजिटल इंडिया’ की सोच को जमीनी आधार भी मिल रहा है। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण, रक्तदान, स्वच्छता, गाँव विकास और जल-संरक्षण अभियानों में युवा ब्रिगेड की भागीदारी ने सेवा-भाव को उनके व्यक्तित्व का स्थायी हिस्सा बना दिया है।
‘छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न 2047’
राष्ट्रीय स्तर पर ‘विकसित भारत @2047’ के लक्ष्य के साथ तालमेल रखते हुए, राज्य ने अपना विज़न तय किया है—‘छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न 2047’। यह केवल सरकारी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि युवाओं को सह-निर्माता बनने का निमंत्रण है।
महिला सशक्तिकरण को केंद्र में
8 मार्च 2025 को अंबिकापुर के राजमोहिनी भवन में स्वच्छता और स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। 27 मई 2025 को रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित महिला सशक्तिकरण संवाद ने साबित किया कि राज्य विकास की परिभाषा में महिलाओं को मुख्य धारा में रख रहा है।
योग, हरियाली और समावेशी खेल
21 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ‘योग संगम’ और ‘हरित योग’ ने स्वास्थ्य और पर्यावरण को एक मंच पर ला दिया। 23 जून को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस पर दृष्टिबाधित बालिकाओं को खेल सामग्री देकर उन्हें पैरा-ओलंपिक जैसी ऊँचाइयों तक पहुँचने की प्रेरणा दी गई।
देश के लिए एक मॉडल
छत्तीसगढ़ की ख़ासियत यह है कि उसने युवाओं और महिलाओं को अलग-अलग पहल के रूप में नहीं, बल्कि एक एकीकृत रणनीति में जोड़ा है—संवाद, कौशल, सम्मान, सेवा, लैंगिक समानता, स्वास्थ्य, पर्यावरण और समावेशन—सबको एक नीति-तानेबाने में पिरोया है। अगर ये प्रयास राजनीतिक बदलावों से अप्रभावित रहकर आगे बढ़ते रहे, तो यह न केवल एक राज्य का मॉडल बनेगा, बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन भी।