प्रविष्टि तिथि: 12 FEB 2024
राष्ट्रीय ओबीसी के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर के विशेष प्रयासों से फिलीपींस में एमबीबीएस मेडिकल पढ़ाई पूरी करने वाले 3200 भारतीय विद्यार्थियों का अंधकारमय जीवन में प्रकाश आया है। राष्ट्रीय ओबीसी आयोग कार्यालय में राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग के अधिकारियों के साथ सुनवाई कर इन विद्यार्थियों को न्याय दिलाया गया है। देश भर में अनेक मेडिकल विद्यार्थियों ने फिलीपींस में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने एनएमसी(NMC) ने प्रमाणपत्र देने सभी विद्यार्थियों को फिरसे नीट परीक्षा देना अनिवार्य बताया गया। इसके चलते विद्यार्थियों के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न होने से संबंधित वैद्यकीय शिक्षण प्राप्त पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग के आयोग के कार्यालय में भेंट देकर आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर के समक्ष अपनी व्यथा रखी। उक्त प्रश्न पर गंभीरतापूर्वक ध्यान देकर हंसराज अहीर ने एनएमसी(NMC) तथा संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को आयोग के समक्ष सुनवाई के लिए बुलाया सुनवाई की जिसमें विद्यार्थियों ने 2017 में नीट(NEET) परीक्षा देने की बात सिद्ध हुई थी। और इसके चलते समस्या समाधान निकालने का आदेश दिया था। इस सुनवाई में अध्यक्ष तथा श्री भुवन भुषण कमल, सदस्य, सचिव व संबंधित छात्र उपस्थित थे।
उक्त आदेश अनुसार राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग के अधिकारियों ने पुनः नीट(NEET) परीक्षा देने का अन्यायकारक आदेश वापस लेकर संबंधित विद्यार्थियों को पात्रता प्रमाणपत्र जारी कर न्याय दिलाने से सभी मेडिकल विद्यार्थियों को हंसराज अहीर के पहल से न्याय मिला। इसके चलते हाल ही में विद्यार्थियों के शिष्टमंडल ने अहीर से चंद्रपुर स्थित कार्यालय में भेंट दीं तथा पुष्पगुच्छ देकर उनका आभार जताया ।