Monday, November 24, 2025

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मानेसर स्थित आईसीएटी ने ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को पहला पीएलआई-ऑटोमोटिव प्रमाणपत्र प्रदान किया

यह उपलब्धि भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों के स्थानीय उत्पादन और ऑटोमोटिव क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में की जा रही प्रगति को दिखाती है

हरियाणा के मानेसर स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) ने ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मेसर्स ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को अपना पहला पीएलआई-ऑटोमोटिव सर्टिफिकेट प्रदान किया है। आईसीएटी, भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के अधीन राष्ट्रीय ऑटोमोटिव बोर्ड (एनएबी) के प्रभागों में से एक है।

मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी ने ओला इलेक्ट्रिक के इंजीनियरिंग प्रमुख और वरिष्ठ वीपी डॉ. एसजे धीनगर को यह प्रमाणपत्र सौंपा। इस अवसर पर आईसीएटी के निदेशक श्री सौरभ दलेला और भारी उद्योग मंत्रालय, आईसीएटी व मेसर्स ओला इलेक्ट्रिक के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मेसर्स ओला इलेक्ट्रिक की बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन- 2डब्ल्यू [ओला एस1 प्रो (जेन2)] ने ऑटोमोटिव पीएलआई प्रमाणपत्र के लिए 50 प्रतिशत (न्यूनतम) के डीवीए के मानदंडों को पूरा किया है, जो उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों के स्वदेशीकरण को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है।

कंपनी को आईसीएटी से यह प्रमाणपत्र ‘मेक इन भारत’ अभियान के प्रति उनके समर्पण और घरेलू उत्पादन इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए दिया गया है।

 

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने हरित मोबिलिटी के लक्ष्य को साकार करने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना (एनईएमएमपी)-2020 की शुरुआत की है। यह योजना देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उन्हें अपनाने के लक्ष्य व समयसीमा का निर्धारण करती है।

आत्मनिर्भर भारत की सोच के साथ और भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय के नेतृत्व में भारी उद्योग मंत्रालय ने साल 2021 में 25,938 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ ऑटोमोबिल और ऑटो कंपोनेंट्स उद्योग के लिए पीएलआई योजना की शुरुआत की थी। इस क्रांतिकारी योजना का उद्देश्य उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देना और ऑटोमोटिव विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश आकर्षित करना है।

अप्रैल, 2023 में भारी उद्योग मंत्रालय ने इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी। इस एसओपी के माध्यम से चैंपियन ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) और कंपोनेंट्स चैंपियन्स सहित पात्र आवेदकों को मंत्रालय के पोर्टल के माध्यम से अपलोड किए जाने वाले जरूरी प्रारूपों के साथ एक सुचारू आवेदन प्रक्रिया की सुविधा प्रदान की गई थी।

यह उपलब्धि भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी उत्पादों के स्थानीय उत्पादन और ऑटोमोटिव क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में की जा रही प्रगति को दिखाती है।

आईसीएटी अन्य आवेदकों के पीएलआई-ऑटो अनुप्रयोगों के मूल्यांकन और निर्धारण की प्रक्रिया में है। जल्द ही, इन कंपनियों को भी मानेसर स्थित आईसीएटी से पीएलआई-ऑटो प्रमाणपत्र प्राप्त होंगे।

मानेसर स्थित आईसीएटी के बारे में:

साल 2006 में इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) की स्थापना की गई थी। यह भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय ऑटोमोटिव बोर्ड (एनएबी) के प्रभागों में से एक है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम-126 के तहत आईसीएटी को ऑटोमोबिल और उनके महत्वपूर्ण सुरक्षा कंपोनेंट्स के परीक्षण व प्रमाणन के लिए अधिसूचित किया है। इसके अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने आईसीएटी को एएटी उत्पादों के पीएलआई-ऑटो प्रमाणन और फेम प्रमाणन के लिए अधिकृत किया है। आईसीएटी ऑटोमोटिव प्रमाणन, समरूपीकरण प्रक्रिया (होमोलोगेशन), डिजाइन, सत्यापन, अनुसंधान व विकास, पीएलआई-ऑटो प्रमाणन, फेम प्रमाणन आदि के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने वाली अग्रणी परीक्षण एजेंसी में से एक है।

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