प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि से आकार लेता परिवर्तन
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन और अनेक विकास परियोजनाओं के शुभारंभ ने भारत की प्रगति यात्रा में एक ऐतिहासिक अध्याय जोड़ दिया है। यह केवल मुंबई के लिए नहीं, बल्कि उस नए भारत के लिए एक प्रतीक है जो आधुनिकता, परंपरा और समावेशी विकास तीनों को एक साथ लेकर आगे बढ़ रहा है।
हवाई और शहरी संपर्क का नया युग
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो भारत की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजना है, देश की महत्वाकांक्षा और सतत विकास दोनों का अद्भुत उदाहरण है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर निर्मित यह हवाई अड्डा हर वर्ष 9 करोड़ यात्रियों और 3.25 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो को संभालने की क्षमता रखेगा, जिससे मुंबई एशिया के सबसे बड़े कनेक्टिविटी हब में से एक बन जाएगा।
इस परियोजना में ऑटोमेटेड पीपल मूवर सिस्टम, सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल, सौर ऊर्जा उत्पादन और इलेक्ट्रिक बस सेवा जैसी हरित पहलों को शामिल किया गया है, जो एक आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल शहरी ढांचे की झलक देती हैं।
इसके साथ ही मुंबई मेट्रो लाइन 3 का पूर्ण होना शहर के आवागमन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। 33.5 किलोमीटर लंबी और 27 स्टेशनों वाली यह पूरी तरह भूमिगत मेट्रो लाइन न केवल यात्रा समय को कम करेगी, बल्कि रेलवे और मोनोरेल जैसी अन्य परिवहन प्रणालियों से एकीकृत होकर ‘वन नेशन, वन मोबिलिटी’ की परिकल्पना को साकार करेगी।
मुंबई वन ऐप का शुभारंभ इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह ऐप मेट्रो, मोनोरेल, लोकल ट्रेन और बस सेवाओं को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है, जिससे यात्री टिकटिंग और यात्रा दोनों में सरलता और सुरक्षा का अनुभव कर सकेंगे।
युवा शक्ति और उद्योग का सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास का केंद्र बिंदु केवल इमारतें या पुल नहीं हैं, बल्कि युवा शक्ति का निर्माण है। इसी सोच के तहत शॉर्ट टर्म एम्प्लॉयबिलिटी प्रोग्राम (STEP) की शुरुआत की गई है, जो 400 आईटीआई और 150 तकनीकी उच्च विद्यालयों में लागू होगा। इस कार्यक्रम के तहत 2,500 से अधिक नए प्रशिक्षण बैच शुरू किए जा रहे हैं, जिनमें महिलाओं के लिए विशेष कोर्स और एआई, आईओटी, तथा इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी उभरती तकनीकों से जुड़ी शिक्षा शामिल है।
साथ ही, नवी मुंबई एयरपोर्ट और प्रस्तावित वधावन पोर्ट जैसी मेगा परियोजनाएँ (कुल लागत 76,000 करोड़ रुपये) रोजगार सृजन, औद्योगिक विस्तार और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता की दिशा में ठोस आधार तैयार कर रही हैं।
समावेशिता और अवसरों का भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यह केवल अवसंरचना का उत्सव नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का सम्मान है जहाँ युवा देश की ताकत हैं और नागरिक कल्याण शासन का सर्वोच्च उद्देश्य।
उन्होंने उड़ान (UDAN) योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस पहल ने हवाई यात्रा को देश के छोटे शहरों और कस्बों तक पहुँचाया है, जिससे भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया कि पिछली सरकारों की चुनौतियों के बावजूद, उनकी सरकार पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन के प्रति प्रतिबद्ध है, जहाँ जनता का हित सर्वोपरि है।
सुरक्षा और स्वाभिमान
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का उल्लेख करते हुए देश की सुरक्षा के प्रति अडिग संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत अब न केवल आत्मनिर्भर है, बल्कि हर चुनौती का सामना दृढ़ता से करने के लिए तैयार है।
महाराष्ट्र की अग्रणी भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र को भारत के विकास में अग्रणी राज्य बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्य के हर विकास प्रयास में सहयोग करती रहेगी। इस अवसर पर देश-विदेश के अनेक गणमान्य उपस्थित थे, जिन्होंने भारत की इस ऐतिहासिक प्रगति को साझा किया।
निष्कर्ष
चाहे बात विस्तृत हवाई अड्डों की हो, भूमिगत मेट्रो की, डिजिटल मोबिलिटी ऐप की या कौशल विकास कार्यक्रमों की आज का भारत हर दिशा में प्रगति का नया मानक गढ़ रहा है। यह वही भारत है जो आकांक्षाओं से नहीं, बल्कि नवाचार, समानता और अपने लोगों की अटूट आत्मा से निर्मित हो रहा है।
भारत के इस नए अध्याय का संदेश स्पष्ट है हमारा भविष्य केवल सपनों पर नहीं, बल्कि सशक्त कर्म और समावेशी दृष्टि पर आधारित है।