लखनऊ। विधानसभा में मानसूत्र सत्र के दूसरे दिन आज विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध संशोधन अधिनियम 2024 पारित हो गया। संशोधन अधिनियम में छल, कपट या जबरदस्ती कराये गये धर्मान्तरण के मामलों में कानून को पहले सख्त बनाते हुए अधिकतम आजीवन कारावास और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। इससे पहले तक इसके तहत 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान था।
इसके साथ ही विदेशी फंड का इस्तेमाल कर धर्म परिवर्तन कराने पर सात से 14 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं नाबालिग, दिव्यांग, मानसिक दुर्बल का धर्म परिवर्तन कराने पर पांच से 14 साल की सजा हो सकती है। सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में सात से 14 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इस तरह के मामलों में रिश्तेदारों के अलावा कोई भी जानकारी दे सकता है।
इसके अलावा विधानसभा में पेपर लीक रोकने को लेकर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा- अनुचित साधनों का निवारण विधेयक 2024 भी पारित हो गया। इसमें अधिकतम आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान है। इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान सपा की सदस्य डॉ0 रागिनी सोनकर ने महिलाओं और बच्चों के प्रति बढ़ रहे अपराध को लेकर सवाल उठाया। इस पर नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए कहा कि महिला और बाल सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह सचेत है। श्री योगी ने कहा कि 2016 की तुलना में दहेज के मामले 2023-24 में 17 दशमलव पांच फीसदी घटे हैं। बलात्कार के मामलों में 25 दशमलव 30 फीसद की कमी आई है। वहीं 2017 से 2024 तक महिला एवं बाल उत्पीड़न के 24 हजार 402 अभुयुक्तों को सजा दिलाई गई।
उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े पेंडिंग मामलों को निपटाने में उत्तर प्रदेश, देश मे दूसरे स्थान पर है। उधर, विधानपरिषद में कार्यवाही के दौरान सपा सदस्यों ने दो बार वेल में आकर हंगामा किया। पहली बार शून्यकाल में बोलने की अनुमति न मिलने पर नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव सदस्यों के साथ वेल में आ गये। उन्होंने कहा कि यह उनके विशेषाधिकार का हनन है। दूसरी बार कार्य स्थगन के मुद्दे पर सूचना न लिये जाने पर सपा सदस्यों ने वेल में आकर विरोध दर्ज कराया।