मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पड़ोसी देश बांग्लादेश की घटना पर चिंता व्यक्त की ,श्री योगी राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा परमहंस रामचंद्र दास की श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे,उन्होंने कहा हमें जातिवाद मुक्त छुआछूत मुक्त और अस्पृश्यता मुक्त एक ऐसे समाज की स्थापना करना है,जिसके लिए प्रभु राम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था,उन्होंने सवाल खड़ा किया कि जो समाज इतिहास की गलतियों से सबक नहीं सिखाता उसके उज्जवल भविष्य पर भी ग्रहण लग जाता है,साथ ही आवाहन किया की सनातन धर्म पर आने वाले संकट के लिए फिर से हमें एकजुट होना पड़ेगा,उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण एक मंजिल नहीं है बल्कि एक पड़ाव है और इस पड़ाव को आगे भी निरंतर देनी है,क्योंकि सनातन धर्म की मजबूती इन सब अभियानों को एक नई गति देता है, श्री योगी ने ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास के संघर्षों की चर्चा की और कहा कि उनकी अंतिम इच्छा हमेशा यही रही की विराजमान रामलला स्थल पर भव्य और दिव्या राम मंदिर का निर्माण हो, उन्हें अपने भावी पीढ़ी पर विश्वास था और आज वह जहां भी होंगे उनकी आत्मा संतुष्ट और तृप्त होगी।
इससे पहले उन्होंने परमहंस रामचंद्र दास की मूर्ति का अनावरण किया और दिगंबर अखाड़ा में भगवान राम सहित चारों भाइयों की पूजा अर्चना की, श्रद्धांजलि सभा में अयोध्या के सभी प्रमुख संत और महंत शामिल थे।