अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मातृ शक्तियों ने सामूहिक “मासिक सुंदरकाण्ड पाठ” की शुरुआत आज 11 सितम्बर से की। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से लखनऊ की “ईश्वरीय स्वप्नाशी सेवा समिति” की सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल को इसका दायित्व सौंपा गया है, जिनके नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने सामूहिक सुंदरकांड का पाठ किया।
इसमें अयोध्या की स्थानीय मातृशक्तियों ने ही नहीं, बल्कि लखनऊ और नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र की उत्साहित महिलाओं ने भी सक्रिय सहभागिता की। सपना गोयल के अनुसार जल्द ही अयोध्या में सामूहिक सुंदरकांड पाठ का वृहद आयोजन किया जाएगा, जिसमें पांच हजार मातृशक्ति शामिल होंगी। सपना गोयल के अनुसार भारत वर्ष को देवों ने निर्मित है और भरत की भूमि, ऋषि मुनियों की जन्मस्थली है।
ऐसे में वह सतत प्रयास कर रही हैं कि भारत को उसका पुराना वैश्विक गौरव प्राप्त हो और भारत पुन: विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठित हो। उनके अनुसार इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि संकल्पित होकर प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ और हर मंगलवार और शनिवार को निकट के मंदिर में जाकर सामूहिक सुंदरकांड का पाठ किया जाए। सपना गोयल ने बताया कि प्रभु राम की जन्म स्थली अयोध्या के बारे में कहा जाता है कि अयोध्या वह पावन नगरी है,जो अजेय है,जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता।वर्तमान में विश्व पटल पर प्रभु राम का यह संदेश पहुंचाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा बीते 10 मार्च को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृ शक्तियों ने लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न किया था। सामूहिक सुंदरकांड का अभियान राष्ट्रीय स्तर पर वृहद रूप में निरंतर संचालित किया जा रहा है। इसके तहत नैमिषारण्य तीर्थ और उत्तराखंड कोटद्वार के प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर,सिद्धबली परिसर में भी सामूहिक सुंदरकांड पाठ का अनुष्ठान, सफलतापूर्वक आयोजित करवाया जा चुका है।
यह अभियान देश ही नहीं विदेशों तक में संचालित किया जा रहा है।