कन्नौज जिले में बुधवार को जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने कलेक्ट्रेट गांधी सभागार में राजस्व कार्यों एवं कर-करेत्तर की समीक्षा बैठक की। उन्होंनें आडिट आपत्तियों का निस्तारण समय से करने और त्रुटियां को ठीक करने के निर्देश दिए।
उन्होनें समस्त उपजिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे तहसीलों में प्रतिदिन तहसीलदार, लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षकों के कार्यों की समीक्षा करें। शुक्ल ने कहा कि कोर्ट में लंबित वादों का यथाशीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित मुकदमों का निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता से किया जाये। जनपद और तहसीलवार फाइलें निकालकर डिस्पोजल कराया जाए। प्रत्येक दशा में राजस्व वादों में कमी आनी चाहिए।
जनपद व तहसीलस्तर पर 10-10 बड़े बकायेदारों के नाम चिन्हित कर सूचना पट् पर चस्पा किये जायें। सरकारी भूमि को दबाकर बैठे लोगों से भूमि खाली करायी जाए। उन्होंने वादों का समय से निस्तारण कर उसकी जानकारी पोर्टल पर फीड करने को कहा। उपजिलाधिकारी और तहसीलदारो को निर्देश दिए कि न्यायिक प्रक्रिया का अनुपालन कर न्यायिक वसूली पर विशेष ध्यान दें।
न्यायालय के आदेशों के प्रति जो न्यायिक वसूली आई है एक सप्ताह के अन्दर सभी विभाग अपडेट करें। उन्होनें चकबंदी अधिकारी बंदोबस्त को निर्देश दिए कि 104 पुराने लंबित वादों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाए। शुक्ल ने वाणिज्यकर द्वारा रु0 111.99 करोड़ के सापेक्ष 29.96 प्रतिशत वसूली, स्टाम्प निबन्धन द्वारा रु0 128 करोड़ के सापेक्ष 23.20 प्रतिशत की वसूली, आबकारी द्वारा रु0 405.71 करोड़ के सापेक्ष 33.98 प्रतिशत वसूली, परिवहन द्वारा रु0 59.10 करोड़ के सापेक्ष 34.16 प्रतिशत वसूली, विद्युत देय विभाग द्वारा रु0 455.56 करोड़ के सापेक्ष 25.72 प्रतिशत और भू-राजस्व द्वारा रु0 23.58 करोड़ के सापेक्ष .17 प्रतिशत वसूली एवं विविध देय द्वारा 66.78 करोड़ के सापेक्ष 55.78 करोड़ आदि विभागों द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष की गयी वसूली की समीक्षा करते हुये नाराजगी व्यक्त कर लक्ष्य के सापेक्ष वसूली करने को कहा।