आज हिजरी कैलेन्डर की 12वीं रबी-उल-अव्वल है। आज आय्याम – ए- अज़ा का आखिरी दिन है। इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों की याद में मनाये जा रहे मजलिस और मातम का सिलसिला खत्म हो जायेगा। लखनऊ में मोहर्रम का आखिरी जुलूस निकाला गया। जिसे चुप ताजिये के नाम से जाना जाता है।
इससे पहले कल देर रात से मजसिल और मातम के साथ ताबूत के जुलूस निकाले गए। आज रौज़ा-ए-काज़मैन में पूरे देश से आयी अंजुमने नवाखानी और सीनाजनी करेगी। जिसका सिलसिला देर रात तक जारी रहेगा और उसके बाद मोहर्रम समाप्त हो जायेगा।