Saturday, August 2, 2025

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जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण की उपलब्धि और स्थिरता पर ध्यान देने की आवश्यकता पर हमने महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत

पेयजल और स्वच्छता विभाग की सचिव सुश्री विनी महाजन ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया


जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण पर काम करना एक ऐसा योगदान, जो सर्वाधिक कमजोर और अशक्त लोगों के जीवन स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा, ये लोग कमजोर स्वास्थ्य और उससे जुड़े खर्च का खामियाजा भुगतते हैं: सुश्री विनी महाजन

प्रविष्टि तिथि: 17 FEB 2024

पेयजल और स्वच्छता विभाग की सचिव सुश्री विनी महाजन ने 16 फरवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जल जीवन मिशन (जेजेएम) और स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण (एसबीएम-जी) पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। दो दिवसीय सम्मेलन में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी और भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। उत्तरार्द्ध सत्र को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह और लोकसभा के सांसद श्री रवि किशन भी उपस्थित थे।

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह सम्मेलन के ऐसे महत्वपूर्ण समय में हो रहा है, जब जल जीवन मिशन (जेजेएम) और स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण (एसबीएम-जी) ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि अब स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल स्वच्छ भारत मिशन लॉन्च किया, बल्कि आगे बढ़कर इसका नेतृत्व और मार्गदर्शन भी किया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण पर काम करते समय उनका दृष्टिकोण ‘स्वच्छता का सम्मान, संयुक्त की शक्ति’ पर आधारित था जो स्वच्छता का मार्ग था। उन्होंने कहा, “जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के अंतर्गत हम जो काम करते हैं, वह मिशन मोड में किया जाना चाहिए, जब हम परिपूर्णता पर बात करते हैं, तो इस प्रकार के सम्मेलन महत्वपूर्ण हो जाते हैं। जल पर हम जो काम करते हैं वह ‘शुद्ध’ है और इस काम को आगे बढ़ने के लिए जन सहयोग और इसे लोगों का आंदोलन बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यह न केवल इस कार्यक्रम को गति देता है बल्कि कार्यक्रम की स्थिरता भी बढ़ाता है। उन्होंने परिवर्तनकारी मिशनों- जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के बारे में बात की और कहा कि संपूर्ण स्वच्छता के लिए काम जारी रखने की जरूरत है, जिसमें कार्यक्रम अभिसरण, उन्नत गुणवत्ता नियंत्रण उपाय और बदलाव के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता शामिल हो।”

उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में उल्लेखनीय प्रगति की है। सांसद श्री रवि किशन ने सम्मेलन का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में हुई प्रगति के लिए पेय जल और स्वच्छता विभाग को बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित दूरदर्शी उद्देश्यों के अनुरूप हम इस मिशन की सफलता के अंतिम पड़ाव में पहुंच गए हैं।

पेयजल और स्वच्छता विभाग की सचिव, सुश्री विनी महाजन ने सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण पर काम करना एक योगदान है जो सबसे कमजोर और सबसे अशक्त लोगों के जीवन पर प्रभाव डालेगा। ये लोग खराब स्वास्थ्य और बीमारियों को दूर करने में आने वाले खर्च की लागत का खामियाजा भुगतते हैं।” उन्होंने जल आपूर्ति प्रणालियों को बनाए रखने और ऐसी प्रणालियों पर काम करने पर बल दिया जो पहले से ही बनाई गई उपयोगिता की क्षमता का निर्माण करेगी। उन्होंने सभी से कहा कि वे लागत का संज्ञान लें। इससे प्रभावी संचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) के माध्यम से योजनाओं को बनाए रखने और उन्हें सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी, जिससे पानी की गुणवत्ता मानकों को पूरा किया जाए और सिस्टम दिन-ब-दिन और साल-दर-साल चलते रहें।

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उन्होंने छह लाख गांवों में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के परिवर्तनकारी प्रभाव पर बल दिया। प्रभावी संचालन और रखरखाव (ओएंडएम) के महत्व पर जोर देते हुए, निरंतर बुनियादी ढांचे के प्रबंधन के लिए स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में बदलाव का आग्रह किया। पानी की गुणवत्ता और गैर-बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट, गंदा पानी जैसी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने अंतर-विभागीय अभिसरण और संयुक्त रूप से नई प्रणालियों के बारे में सीखने का आह्वान किया। सुश्री विनी महाजन ने कहा कि सभी को इस संवाद में भाग लेना चाहिए और प्रतिभागियों से सफल प्रथाओं को साझा करने का आह्वान किया। जल और स्वच्छता क्षेत्र के व्यापक विकास के लिए सहयोगात्मक समाधान खोजने का आग्रह किया। उन्होंने ग्रामीण आबादी के लिए दो महत्वपूर्ण मिशनों; जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण पर काम करने के अवसर के लिए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की उनके प्रयासों और योगदान के लिए सराहना की, जिससे भारत के ग्रामीण घरों तक घरेलू नल से जल कनेक्शन (एफएचटीसी) का कवरेज बढ़ गया।

इस दौरान जल और स्वच्छता (डब्ल्यूएएसएच) क्षेत्र और संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं पर पैनल चर्चा हुई। पैनलिस्टों में एएसएंडएमडी-एनजेजेएम; जेएस एवं एमडी-एसबीएम (जी); विशेष मुख्य सचिव – असम सरकार; कर्नाटक के अतिरिक्‍त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और जल और स्वच्छता विशेषज्ञों ने हिसा लिया। दो दिवसीय सत्र के पहले दिन मोटे तौर पर भारत में वॉश सेक्टर, वॉश सेक्टर में सर्वोत्तम अभ्यास और योजनाओं की स्थिरता जैसे विषयों को शामिल किया गया।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी भी सम्मेलन में शामिल हुए और उन्होंने बताया कि कैसे जनशक्ति के कौशल से योजनाओं में स्थिरता आती है।

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राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक और पेय जल तथा स्वच्छता विभाग में अपर सचिव श्री चंद्र भूषण कुमार ने मुंशी प्रेमचंद की एक कहानी साझा करके अपने संबोधन की शुरुआत की। कहानी में इस तथ्य पर जोर दिया गया कि पानी के कई स्रोत और कई उपयोग हैं। जल आपूर्ति प्रबंधन प्रणालियों को सुदृढ़ करते समय इस समझ को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने देश भर में विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल स्थानीय समाधानों और नवाचारों की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने मरम्मत और रखरखाव कार्यों को पूरा करने के लिए कुशल/बहु-कुशल मानव संसाधनों को शामिल करके बुनियादी ढांचे को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक (एसबीएम-जी) श्री जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण चरण II की यात्रा में भारत ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। वर्ष 2014 में दुनिया के 60 प्रतिशत खुले में शौच के कलंक का सामना करने से लेकर 2019 में ओडीएफ स्थिति प्राप्त करने का एक सकारात्मक बदलाव देश में आया है। आज, हमारे 90 प्रतिशत, 5.91 लाख गांव ओडीएफ+ हैं, लेकिन असली चुनौती उनमें से शेष 75 प्रतिशत को मॉडल गांव बनाने की है। इसे प्राप्त करने के लिए, समुदाय की भागीदारी, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक जन-आंदोलन को बढ़ावा देना होगा। ओडीएफ स्थिरता सुनिश्चित करने में न केवल बुनियादी ढांचा शामिल है, बल्कि मल कीचड़ प्रबंधन और मासिक धर्म स्वच्छता जैसे उभरते मुद्दों को भी शामिल करना है। हमारी व्यापक रणनीति को स्थिरता, जिम्मेदार पर्यटन और स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों में स्वच्छता सुविधाओं के निरंतर उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे से परे इनका विस्तार होना चाहिए।

अंत में, पैनल चर्चा में संवाद और प्रश्नोत्तर सत्र रखा गया, जिसमें विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए। इस दिन विशिष्ट अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पांच दस्तावेज़ जारी किए। जारी की गई सूची इस प्रकार है:

  1. जल जीवन मिशन व्यवहारिक सर्वोत्तम प्रथाओं का सार-संग्रह: प्रगति और उपलब्धियों पर एक व्यापक अंतर्दृष्टि

2. व्यवहार परिवर्तन संचार रणनीति: जागरूकता के माध्यम से भविष्य को आकार देना

3. स्वच्छता क्रॉनिकल्स: ट्रांसफॉर्मेटिव टेल्स फ्रॉम इंडिया- वॉल्यूम। II: समुदाय से सर्वोत्तम प्रथाओं का एक संग्रह जहां स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के लिए प्रभावशाली परिवर्तन जारी है।

4. स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग (एसजीएलआर)‘ सिस्टम बुकलेट जो स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण पहलुओं में जिम्मेदार स्वच्छता को शामिल करने वाला एक बेंचमार्क सूचकांक है।

5. तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एलडब्ल्यूएम) प्रौद्योगिकियों पर सार-संग्रह: अनुमोदित प्रौद्योगिकियों, परिचालन दिशानिर्देशों और सफल केस अध्ययनों की एक समेकित पुस्तिका, एलडब्ल्यूएम पर हितधारकों के लिए एक ज्ञान बैंक प्रदान करती है, एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है, एक स्वच्छ और स्वस्थ ग्रामीण वातावरण को बढ़ावा देती है।

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माननीय श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ‘सिटीजन कॉर्नर’ भी लॉन्च किया। ‘सिटीजन कॉर्नर’ पानी की गुणवत्ता और आपूर्ति का प्रबंधन करने की क्षमता सीधे नागरिकों को उपलब्ध कराता है। यह टूल एक आसान इंटरफ़ेस वाला वन-स्टॉप समाधान है, जिससे किसी गांव की पानी की गुणवत्ता और अन्य सभी जल आपूर्ति संबंधी जानकारी आसानी से मिल जाती है।

कार्यशाला का एक मुख्य आकर्षण विशेष डिजिटल डिस्प्ले अनुभाग था, जिसे जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण सहित वॉश क्षेत्र के भीतर नवीन समाधानों, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को उजागर करने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया था। इस अनुभाग ने प्रतिभागियों को एक व्यापक और आपसी बातचीत और विचार-विमर्श का अनुभव प्रदान किया। इससे विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में हुई महत्वपूर्ण प्रगति और सफलताओं का व्यापक अवलोकन किया गया। डिजिटल डिस्प्ले को तीन अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया गया था:

1. डिजिटल हट: इस इंस्टॉलेशन ने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण की विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की। जल की गुणवत्ता, विभिन्न राज्यों की सफलता और हस्तक्षेप और मिशन के प्रभाव को बढ़ाने में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की। डिजिटल हट में 1947 से स्वच्छता यात्रा को प्रदर्शित किया गया, स्वच्छ भारत मिशन यात्रा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम की सफलता का एक मनमोहक अवलोकन प्रदान किया गया। इसने शैक्षिक मंच के रूप में कार्य किया, जो पानी की पहुंच सुनिश्चित करने में सहयोगात्मक प्रयासों और हासिल की गई उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है।

2. वीडियो वॉल – आरडब्ल्यूपीएफ पार्टनर्स: ग्रामीण जल और स्वच्छता पार्टनर्स फोरम (आरडब्ल्यूपीएफ) भागीदारों को समर्पित है। इस वीडियो वॉल ने उन जमीनी गतिविधियों और प्रयासों पर प्रकाश डाला जो जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण की सफलता में सहायक रहे हैं। आकर्षक दृश्यों के माध्यम से, उपस्थित लोग विभिन्न संगठनों के समर्पण और कड़ी मेहनत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पानी को सुलभ बनाने में उनके योगदान को देख सकते हैं।

3. वीडियो वॉल – राज्य की पहल: संचालन और रखरखाव (ओएंडएम) और जल जीवन मिशन के अन्य पहलुओं से संबंधित राज्य-विशिष्ट पहलों को प्रदर्शित करने पर केंद्रित है। इस वीडियो वॉल ने सफलता की कहानियों और सीखने के अवसरों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।

डिजिटल डिस्प्ले अनुभाग ने केंद्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बड़ी रुचि और प्रशंसा के साथ इस डिस्प्ले का अवलोकन किया।

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जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ने जल और स्वच्छता (डब्ल्यूएएसएच) क्षेत्र में भविष्य के सहयोग और नवाचारों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। इससे ग्रामीण भारत में टिकाऊ और समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

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