Sunday, August 3, 2025

Latest Posts

एकीकृत हरित हाइड्रोजन केंद्र का निर्माण विशाखापत्तनम के अच्युतपुरम मंडल में किया जाएगा

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने भारत का सबसे बड़ा हरित हाइड्रोजन उत्पादन केंद्र स्थापित करने के लिए आंध्र प्रदेश इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन के साथ भूमि पट्टा समझौते पर हस्ताक्षर किए

प्रविष्टि तिथि: 21 FEB 2024

विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम और भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने अपने हरित ऊर्जा व हरित हाइड्रोजन उद्देश्यों को साकार करने के लिए एक भूमि पट्टा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस तरह यह ऊर्जा रूपांतरण की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों में भी अपना योगदान दे रहा है। एक “एकीकृत हरित हाइड्रोजन केंद्र” के निर्माण को लेकर एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) और आंध्र प्रदेश इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (एपीआईआईसी) के बीच 20 फरवरी, 2024 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस केंद्र का निर्माण आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अच्युतपुरम मंडल के पुदीमदका गांव के पास 1,200 एकड़ भूमि पर किया जाएगा।

पुदीमदका हरित हाइड्रोजन केंद्र का लक्ष्य नई ऊर्जा प्रतिमान में प्रौद्योगिकियों के लिए एक विश्व- स्तरीय इकोसिस्टम का निर्माण करना है। इनमें इलेक्ट्रोलाइजर और ईंधन सेल विनिर्माण, संबंधित सहायक उद्योग व स्टार्ट-अप, इन्क्यूबेशन, परीक्षण सुविधाएं, हरित हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव्स जैसे हरित अमोनिया व हरित मेथनॉल का उत्पादन और निर्यात शामिल हैं। इस परियोजना में भारत की सबसे बड़ी हरित हाइड्रोजन उत्पादन सुविधा (हर दिन 1,200 टन) का निर्माण शामिल है। यह हरित हाइड्रोजन को हरित अमोनिया और हरित मेथनॉल जैसे डेरिवेटिव्स में परिवर्तित करने में सक्षम बनाएगा, जो मुख्य रूप से विभिन्न निर्यात बाजारों में इसकी आपूर्ति करेगा।

अमरावती स्थित आंध्र प्रदेश सचिवालय में एनजीईएल के मुख्य महाप्रबंधक श्री शिवकुमार वी.वी. और एपीआईआईसी के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक श्री प्रवीण कुमार के बीच इस भूमि पट्टा विलेख का आदान-प्रदान किया गया। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री के.एस. जवाहर रेड्डी, एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक श्री आर. सारंगापानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001TI84.jpg

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 4 जनवरी, 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अनुमोदित राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को कार्यान्वित कर रहा है। इस मिशन का व्यापक उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव्स के उत्पादन, उपयोग व निर्यात के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बनाना है।

एनटीपीसी, विद्युत उत्पादन के मुख्य व्यवसाय में भारत की सबसे बड़ी बिजली कंपनी है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 74 गीगावाट (संयुक्त उद्यम और सहायक कंपनियों सहित) है। अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो को बढ़ाने के एक हिस्से के तहत इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी “एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड” (एनजीईएल) का गठन किया गया है। यह हरित हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों और चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा विद्युत क्षेत्र में व्यवसाय सहित नवीकरणीय ऊर्जा पार्क की स्थापना व परियोजनाओं की शुरुआत करेगी।

एनटीपीसी समूह की साल 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने की महत्वाकांक्षी योजना है। वर्तमान में इसकी स्थापित नवीकरणीय क्षमता 3.4 गीगावाट और पाइपलाइन के तहत 22 गीगावाट से अधिक है।

एनटीपीसी आंध्र प्रदेश और भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

ये भी पढ़ें:

1. देश में हरित हाइड्रोजन अपनाने की स्थिति

2. राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 4.12 लाख टन प्रति वर्ष हरित हाइड्रोजन उत्पादन और 1,500 मेगावाट प्रति वर्ष इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण के लिए निविदाएं प्रदान की गईं: केंद्रीय विद्युत् और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री

***

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.