भारत की रॉकेट महिलाओं की उड़ान सीमाओं से परे आकाश और उससे भी आगे अनंत ऊंचाइयों में ले जा रही हैं- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने इसरो वैज्ञानिकों के साथ महिला दिवस मनाया; उन्होंने कहा महिला “महिला जन्म से ही सर्वदा नेतृत्वकारी भूमिका निभाती है”
इसरो भारत की वैश्विक निखार रहा है; अंतरिक्ष अन्वेषण विकसित भारत@2047 को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
उपराष्ट्रपति ने आज बेंगलुरु में इसरो के यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) में वैज्ञानिक समुदाय के साथ बातचीत की
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्त्री-पुरुष समानता और निर्णय लेने की प्रक्रिया में समावेशिता की संस्कृति के लिए इसरो की सराहना की और इसे अन्य संगठनों के लिए एक उपयुक्त उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि भारत की रॉकेट महिलाएं हमें अनंत आकाश की ओर ले जा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने अपने लिए और हमारी प्रगति के लिए पहले से तय मानकों से आगे जाने की सीमाओं को तोड़ दिया है।
चंद्रयान-3 और कई विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण सहित इसरो की कई उपलब्धियों की सराहना करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि इसरो ने हमारे लाखों साथी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाते हुए, विश्व मंच पर भारत के वैज्ञानिक कौशल और तकनीकी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है।
इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, इसरो के अध्यक्ष श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ, यू आर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक, श्री एम संकरन, अंतरिक्ष विभाग की अपर सचिव सुश्री संध्या वेणुगोपाल और इसरो बेंगलुरू और अन्य केंद्रों के वैज्ञानिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।
यू.आर.राव सैटेलाइट सेंटर, बेंगलुरु में इसरो के वैज्ञानिकों को उपराष्ट्रपति के संबोधन का पाठ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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