उत्तराखंड में उद्यान के क्षेत्र में अपार सम्भावनाओं को देखते हुए सहकारिता विभाग के ‘एप्पल मिशन’ के तहत काश्तकारों को सेब की खेती के लिये जोड़ा जा रहा है, ताकि जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सेब के बगीचे विकसित कर उत्तराखंड को सेब उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाया जा सके। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने पौड़ी गढ़वाल के चोपड़ा-नौगांव में ‘उत्तराखंड में सेब की खेती की सम्भावनाओं’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमीनार में यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य में उन्नत प्रजाति के सेब की खेती को बढ़ावा देना जरूरी है।
इस तरह के सेमिनार न केवल जागरूकता के लिए, बल्कि भविष्य की योजनाओं के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सेब की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की जलवायु सेब उत्पादन के लिये काफी मुफीद है। ऐसे में यहां सेब उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है।
राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है और काश्तकारों के लिये कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ काश्तकार उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेब की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये सहकारिता विभाग की कृषि ऋण योजना के अंतर्गत एक हजार सेब के बगीचे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये प्रदेशभर में सेब के 17 कलस्टर तैयार किये गये हैं।