जनसेवा का चेहरा:
शनिवार की संध्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय पहुँचना केवल एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि एक संदेश थाकि सरकार जनता के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर और सजग है। मरीजों से सीधे संवाद कर उनकी पीड़ा और जरूरतों को सुनना किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए सहज कार्य नहीं होता, लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने यह कर दिखाया।
मरीजों और परिजनों के साथ संवाद
मुख्यमंत्री ने न केवल उपचाररत मरीजों का हालचाल लिया, बल्कि उनके परिजनों से भी बातचीत कर अस्पताल की व्यवस्थाओं की सच्चाई जानी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्पताल केवल चिकित्सा का स्थान नहीं, बल्कि रोगियों और परिजनों के लिए मानसिक संबल का केंद्र भी है। इसी दृष्टि से उन्होंने प्रतीक्षालय (वेटिंग एरिया) में बैठने की व्यवस्था, पेयजल, पंखे और अन्य सुविधाएँ बढ़ाने के निर्देश दिए। यह पहल दर्शाती है कि सरकार सिर्फ रोगियों ही नहीं, बल्कि तीमारदारों की गरिमा और सुविधा को भी प्राथमिकता देती है।
स्वच्छता और व्यवस्था पर बल
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अस्पताल की स्वच्छता और सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने रंगरोगन और सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए, ताकि मरीजों और परिजनों को एक स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण मिल सके। यह दृष्टिकोण साफ बताता है कि मुख्यमंत्री धामी स्वास्थ्य सेवाओं को केवल उपचार तक सीमित नहीं मानते, बल्कि सम्मानजनक माहौल और मानवीय संवेदना को भी उतना ही आवश्यक समझते हैं।
तकनीक और पारदर्शिता की सराहना
ब्लड सैंपल कलेक्शन सेंटर का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रक्रियाओं की बारीकी से जानकारी ली और तकनीकी दक्षता की सराहना की। उन्होंने पारदर्शिता और त्वरित सेवा पर बल देते हुए कहा कि हर मरीज को समय पर गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
आयुष्मान योजना: गरीबों के लिए संजीवनी
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना हेल्प डेस्क का भी जायजा लिया। उन्होंने लाभार्थियों से सीधे अनुभव सुने और सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि योजना का लाभ हर पात्र परिवार तक पहुँचे। उनके शब्दों में, यह योजना गरीबों और जरूरतमंदों के लिए “संजीवनी” है और इसे हर स्तर पर प्रभावी बनाना सरकार की जिम्मेदारी है।
निष्कर्ष
दून अस्पताल का यह औचक निरीक्षण केवल एक प्रशासनिक अभ्यास नहीं था, बल्कि मुख्यमंत्री धामी की उस कार्यशैली का उदाहरण है जिसमें जनता की आवाज़ प्रत्यक्ष रूप से सुनी जाती है। उनकी संवेदनशीलता, तत्परता और सुधार की स्पष्ट मंशा यह दर्शाती है कि उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यदि अस्पताल सेवा केवल दवा तक सीमित रही तो उसका असर अधूरा होगा। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा का अर्थ है गुणवत्तापूर्ण इलाज, मानवीय व्यवहार और सम्मानजनक माहौल। यही नए उत्तराखंड की झलक है।