छत्तीसगढ़ की धरती, जो सदियों से मातृत्व, करुणा और नारी शक्ति की प्रतीक रही है, आज एक नई सामाजिक जागरूकता की साक्षी बन रही है—महतारी वंदन योजना के रूप में। यह योजना केवल आर्थिक मदद का माध्यम नहीं, बल्कि नारी गरिमा और आत्मनिर्भरता की एक नई परिभाषा बन चुकी है।
🌸 एक क्रांति की शुरुआत
10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना का शुभारंभ एक ऐतिहासिक क्षण था। उन्होंने इसे केवल वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि “नारी गरिमा का उत्सव” कहा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के नेतृत्व में, यह योजना एक सरकारी पहल से आगे बढ़कर जन-आंदोलन बन चुकी है।
📊 आंकड़े जो बदलाव की कहानी कहते हैं
मार्च 2024 से जुलाई 2025 के बीच, 70 लाख महिलाओं को सीधे 11,008 करोड़ रुपए की सहायता उनके खातों में ट्रांसफर की गई है। यह केवल पैसा नहीं, बल्कि उन सपनों की चाबी है, जिन्हें समाज और हालात ने अब तक बंद करके रखा था।
💼 आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम
योजना से जुड़ी महिलाओं ने अब खुद को केवल एक गृहणी नहीं, बल्कि परिवार की आर्थिक रीढ़ के रूप में साबित किया है। किसी ने छोटा व्यवसाय शुरू किया, तो किसी ने बच्चों की शिक्षा, इलाज और जरूरतें आसानी से पूरी कीं। इससे महिलाओं को न सिर्फ आत्मविश्वास मिला, बल्कि समाज में नई पहचान और सम्मान भी मिला।
🌾 गांव-गांव से उठती हैं सशक्तिकरण की कहानियां
- ग्राम गीधा (मुंगेली) की श्रीमती कंचन ने योजना से मिली राशि से ठेला व्यवसाय को आगे बढ़ाया और आज घर की जिम्मेदारियां सहजता से निभा रही हैं।
- कुरूद की श्रीमती श्यामा बाई, जो कंडरा जनजाति से हैं, ने बांस शिल्प का पारंपरिक व्यवसाय शुरू किया और अब 8000 रुपए तक मासिक आमदनी कमा रही हैं।
- ग्राम दिघवाड़ी (मोहला-मानपुर) की श्रीमती गीता यादव बताती हैं कि सालाना 12,000 रुपए से बच्चों की पढ़ाई, दवाइयां और घरेलू खर्च आसानी से पूरा हो जाता है।
- ग्राम हथरा की श्रीमती कान्ति बाई कहती हैं कि अब उन्हें छोटी-छोटी ज़रूरतों के लिए पति पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, यह आत्मनिर्भरता का असली रूप है।
🗣️ एक नीति से समाज की धड़कन तक
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह योजना सिर्फ वित्तीय मदद नहीं, बल्कि महिलाओं को समाज में भागीदारी का अधिकार देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की संवेदनशीलता और जमीनी स्तर की भागीदारी ने इसे लोगों की योजना बना दिया है।
🌅 छत्तीसगढ़ में सशक्त नारी की एक नई सुबह
आज महतारी वंदन योजना केवल सरकारी दस्तावेजों का हिस्सा नहीं, बल्कि हर महिला के जीवन का संबल बन चुकी है। अब छत्तीसगढ़ की गलियों में आत्मविश्वास की आवाज़ गूंजती है—
“अब हर महतारी सशक्त है, अब हर बेटी समर्थ है!”
📌 निष्कर्ष
महतारी वंदन योजना ने यह सिद्ध कर दिया कि सही नीति, मजबूत नेतृत्व और संवेदनशील क्रियान्वयन से नारी सशक्तिकरण एक सपना नहीं, हकीकत बन सकता है। छत्तीसगढ़ की यह पहल पूरे देश के लिए प्रेरणास्त्रोत है।