बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा, यमुना, शारदा और घाघरा नदी ने प्रदेश के 20 जिलों को बाढ़ की चपेट में ले लिया है। राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इन जिलों के 486 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
लखीमपुर खीरी, फर्रूखाबाद, गोंडा, जालौन, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, रामपुर, बदायूं, वाराणसी, प्रयागराज, बलिया, बस्ती, आगरा, गौतमबुद्धनगर, बांदा, हमीरपुर, पीलीभीत, अयोध्या और देवरिया में बाढ़ का असर है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत टीमें लगाई गई हैं। वाराणसी में गंगा का पानी चेतावनी बिन्दु को पार कर गया है। दशाश्वमेध घाट की अंतिम सीढ़ी भी डूब गई हैं। यहां शवदाह और गंगा आरती गली और छतों पर हो रही है।
अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों का पलायन शुरू हो गया है। जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिये नाव लगाई है। उधर, बाराबंकी में सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इससे यहां की 20 गांव टापू में तब्दील हो गये हैं।रामनगर तहसील के बेलहरी गांव में प्राइमरी स्कूल की बिल्डिंग और 25 मकान नदी में समा गये हैं।
एडीएम अरूण कुमार सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण फर्रूखाबाद में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।