Monday, August 18, 2025

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कैबिनेट ने 12 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों – बेरिलियम, कैडमियम, कोबाल्ट, गैलियम, इंडियम, रेनियम, सेलेनियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टाइटेनियम, टंगस्टन और वैनेडियम के खनन के लिए रॉयल्टी दरों को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों – बेरिलियम, कैडमियम, कोबाल्ट, गैलियम, इंडियम, रेनियम, सेलेनियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टाइटेनियम, टंगस्टन और वैनेडियम के संबंध में रॉयल्टी की दर निर्दिष्ट करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (‘एमएमडीआर अधिनियम’) की दूसरी अनुसूची में संशोधन को मंजूरी दे दी है।

यह सभी 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के लिए रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने की कवायद पूरी करता है। यह ध्यान देने योग्य बात है कि सरकार ने 15 मार्च, 2022 को 4 महत्वपूर्ण खनिजों, अर्थात् ग्लौकोनाइट, पोटाश, मोलिब्डेनम और प्लैटिनम समूह के खनिजों की रॉयल्टी दर और 12 अक्टूबर, 2023 को 3 महत्वपूर्ण खनिजों, अर्थात् लिथियम, नाइओबियम और रेयर अर्थ एलिमेंट की रॉयल्टी दर अधिसूचित की थी।

हाल ही में, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 के माध्यम से एमएमडीआर अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग डी में 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों को सूचीबद्ध किया गया था, जो 17 अगस्त, 2023 से लागू हुआ है। संशोधन में प्रावधान किया गया कि इन 24 खनिजों के खनन पट्टे और मिश्रित लाइसेंस की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।

रॉयल्टी की दर के निर्देशन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज की मंजूरी से केंद्र सरकार देश में पहली बार इन 12 खनिजों के लिए ब्लॉकों की नीलामी कर सकेगी। ब्लॉकों की नीलामी में बोलीदाताओं के लिए खनिजों पर रॉयल्टी दर एक महत्वपूर्ण वित्तीय प्रतिफल है। इसके अलावा, इन खनिजों के औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) की गणना के लिए खान मंत्रालय द्वारा तरीका भी तैयार किया गया है जो बोली संबंधी मापदंडों के निर्धारण को सक्षम करेगा।

एमएमडीआर अधिनियम की दूसरी अनुसूची विभिन्न खनिजों के लिए रॉयल्टी दरें प्रदान करती है। दूसरी अनुसूची की मद संख्या 55 में प्रावधान है कि जिन खनिजों की रॉयल्टी दर उसमें विशेष रूप से प्रदान नहीं की गई है, उनके लिए रॉयल्टी दर औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) का 12 प्रतिशत होगी। इस प्रकार, यदि इनके लिए रॉयल्टी दर विशेष रूप से प्रदान नहीं की गई है, तो उनकी डिफॉल्ट रॉयल्टी दर एएसपी का 12 प्रतिशत होगी, जो अन्य महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की तुलना में काफी अधिक है। साथ ही, 12 प्रतिशत की यह रॉयल्टी दर अन्य खनिज उत्पादक देशों के साथ तुलनीय नहीं है। इस प्रकार, निम्नानुसार उचित रॉयल्टी दर निर्दिष्ट करने का निर्णय लिया गया है:

 

बेरिलियम, इंडियम, रेनियम, टेल्यूरियम: उत्पादित अयस्क में निहित संबंधित धातु पर संबंधित धातु के एएसपी का 2 प्रतिशत प्रभार्य है।
कैडमियम, कोबाल्ट, गैलियम, सेलेनियम, टैंटलम (कोलंबाइट-टैंटलाइट के अलावा अन्य अयस्कों से उत्पादित), टाइटेनियम (समुद्र तट रेत खनिजों के अलावा अन्य अयस्कों से उत्पादित):

 

(i) प्राथमिक

 

(ii) उप-उत्पाद

 

उत्पादित अयस्क में निहित संबंधित धातु पर संबंधित धातु के एएसपी का 4 प्रतिशत प्रभार्य है।

 

उत्पादित अयस्क में निहित संबंधित उप-उत्पाद धातु पर संबंधित धातु के एएसपी का 2 प्रतिशत प्रभार्य।

टंगस्टन: आनुपातिक आधार पर प्रति टन अयस्क में निहित टंगस्टन ट्राइऑक्साइड पर टंगस्टन ट्राइऑक्साइड के एएसपी का 3 प्रतिशत।
वैनेडियम:

 

(i) प्राथमिक

 

(ii) उप-उत्पाद

 

आनुपातिक आधार पर प्रति टन अयस्क में निहित वैनेडियम पेंटोक्साइड पर वैनेडियम पेंटोक्साइड के एएसपी का 4 प्रतिशत।

 

आनुपातिक आधार पर प्रति टन अयस्क में निहित वैनेडियम पेंटोक्साइड पर वैनेडियम पेंटोक्साइड के एएसपी का 2 प्रतिशत।

 

देश में आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खनिज अनिवार्य हो गए हैं। कैडमियम, कोबाल्ट, गैलियम, इंडियम, सेलेनियम और वैनेडियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज और इनका उपयोग बैटरी, अर्धचालक, सौर पैनल आदि में होता है। ऊर्जा के क्षेत्र में परिवर्तन और 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य के स्तर पर लाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को देखते हुए इन खनिजों का महत्व बढ़ गया है। बेरिलियम, टाइटेनियम, टंगस्टन, टैंटलम आदि खनिजों का उपयोग नई प्रौद्योगिकियों, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उपकरणों में होता है। स्वदेशी खनन को प्रोत्साहित करने से आयात में कमी आएगी और संबंधित उद्योगों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की स्थापना होगी। इस प्रस्ताव से खनन क्षेत्र में रोजगार सृजन बढ़ने की भी उम्मीद है।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल) ने हाल ही में कोबाल्ट, टाइटेनियम, गैलियम, वैनेडियम और टंगस्टन जैसे एक या अधिक महत्वपूर्ण खनिजों वाले 13 ब्लॉकों की अन्वेषण रिपोर्ट सौंपी है। इसके अलावा, ये एजेंसियां देश में इन महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की खोज कर रही हैं।

केंद्र सरकार ने नवंबर, 2023 में लिथियम, आरईई, निकेल, प्लैटिनम ग्रुप ऑफ एलिमेंट्स, पोटाश, ग्लौकोनाइट, फॉस्फोराइट, ग्रेफाइट, मोलिब्डेनम इत्यादि जैसे खनिजों के लिए महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज ब्लॉकों की नीलामी की पहली किश्त शुरू की है। उद्योग जगत से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। पहली किश्त में कुल 20 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है। नीलामी की पहली किश्त के लिए बोलियां जमा करने की अंतिम तिथि (बोली हेतु निर्धारित तिथि) 26 फरवरी, 2024 थी।

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