उपराष्ट्रपति ने युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं और सरकारी नौकरी को हासिल करने की अंधाधुंध दौड़ से बाहर आने का आह्वान किया
देश में सक्षम इकोसिस्टम मौजूद है, युवा अब आकांक्षाएं भी कर सकते हैं और अपने सपनों को साकार भी कर सकते हैं : उपराष्ट्रपति
वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों और चुनौतियों के बावजूद, भारत निवेश की एक बहुत अनुकूल जगह है और ये अवसर की भी भूमि है : उपराष्ट्रपति
एक्ट ईस्ट नीति उत्तर-पूर्व के लिए परिवर्तनकारी रहा है : उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने युवाओं से अलग ढंग से सोचने का आह्वान किया और उनका शासन में सबसे महत्वपूर्ण हितधारक के रूप में वर्णन किया
उपराष्ट्रपति ने मिजोरम विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि कोई भी लोकतंत्र तब तक जीवित, विकसित और सफल नहीं हो सकता, जब तक कि कानून के समक्ष समानता न हो। मिजोरम विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि अब कानून के समक्ष समानता जमीनी वास्तविकता है और जो लोग स्वयं को कानून से ऊपर मानते थे, वे अब इसके दायरे में हैं।
देश में निवेश के माहौल पर ध्यान खींचते हुए, श्री धनखड़ ने आगे कहा कि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों और चुनौतियों के बावजूद, भारत निवेश के लिए एक बहुत ही अनुकूल जगह है और यह अवसर की भूमि है। भारत की विकास यात्रा का वर्णन करते हुए, उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पांच कमजोर अर्थव्यवस्था से पांच बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के मामले में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदलने को रेखांकित किया।
एक्ट-ईस्ट नीति और रेल, सड़क और डिजिटल संपर्क में अभूतपूर्व निवेश की सराहना करते हुए, उपराष्ट्रपति महोदय ने इस नीति को उत्तर-पूर्व के लिए सामाजिक-आर्थिक विकासात्मक लाभ प्रदान करने वाली परिवर्तनकारी नीति बताया।
उपराष्ट्रपति महोदय ने युवाओं को शासन में सबसे महत्वपूर्ण हितधारक की संज्ञा दी। श्री धनखड़ ने युवाओं को विकसित भारत@2047 की एक बहुत लंबी दौड़ में पूरी तरह से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उनसे हमेशा अपने माता-पिता, अपने बड़ों का सम्मान करने और अपनी दोस्ती को और मजबूत करने का भी आग्रह किया।
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